दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को हरियाणा चुनाव के लिए सीनियर ऑब्जर्वर बनाया है। एआईसीसी ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत के साथ-साथ अजय माकन और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा को भी वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया है।
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तीन महीने बाद पहला सियासी दौरा
मालूम हो कि करीब तीन महीने के बेड रेस्ट के बाद दिल्ली का उनका पहला सियासी दौरा है। इस दौरे के बाद ही माना जा रहा था कि अशोक गहलोत की कांग्रेस आलाकमान सहित कई नेताओं से राजनीतिक मुलाकाते होंगी। वहीं ये भी माना जा रहा था कि इसके बाद कांग्रेस पार्टी संगठन के भीतर उनको अहम जिम्मेदारी दे सकती है। अब वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनते ही ‘पत्रिका’ की बात पर मुहर लग गई है। गहलोत ने अपने दिल्ली दौरे के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। यह भी पढ़ें
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हुड्डा परिवार के करीबी हैं गहलोत
इस बार कांग्रेस पार्टी, हरियाणा में लगातार 10 साल तक राज करने की वजह से पैदा हुई सत्ता विरोधी लहर को भुनाना चाहती है। इसके लिए पार्टी ने पूरा जोर लगा रखा है। इसी बात का फायदा लेने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत जैसे मंझे हुए खिलाड़ी को हरिय़ाणा की जिम्मेदारी सौंपी है। अशोक गहलोत चुनावी रणनीति बनाने के माहिर खिलाड़ी माने जाते है। इसके अलावा अशोक गहलोत हुड्डा परिवार के भी काफी नजदीक माने जाते हैं। हरियाणा में इसका फायदा पार्टी को मिल सकता है। बताते चलें कि हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही सीधा मुकाबला है। क्योंकि किसान आंदोलन की वजह से जेजेपी का जनाधार इस बार कमजोर हुआ है।