विवाद से मुद्दा कमजोर: चौधरी ने कहा कि ओबीसी आरक्षण मामले को लेकर विवाद पैदा करवाने से युवाओं को मदद नही मिल रही है और मुद्दा कमजोर हो रहा है। उनसे अपील है कि ओबीसी आरक्षण विसंगतियों में कृप्या विवाद पैदा नही करें और हम राजनीति लडाई दूसरे तरिके से लड़ लेंगे यह प्रदेश के लाखों युवाओ के भविष्य का सवाल है। उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण के समय जो आज्ञावन लोग विजय पुनिया, राजाराम मील, एडवोकेट डालूराम चौधरी व सोनाराम के जाट समेत जो थे उन्हें पूछ लो कि हरीश चौधरी उस दरम्यान विरोध में थे या पक्ष में थे। चौधरी ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत व जो भी इस आरक्षण को लेकर जिन्हें श्रेय देना है उन्हें दे दीजिए, हमें श्रेय नही चाहिए हमारा एकलौता मुद्दा ओबीसी आरक्षण में विंसगतियां बहाल कर प्रदेश के लाखों युवाओं राहत देना है।
जिसे श्रेय देना है उसे दिलाए:
जिसे श्रेय देना है उसे दिलाए:
चौधरी ने कहा कि जिसे श्रेय देना है उसे दिलाए वो चाहे हनुमान, अंगद, नील, सुग्रीव, केसरी को दो या फिर वसुंधरा, जमीन, उर्वी, धरती, धरणी व मही को दे दीजिए पर इस पर विवाद खड़ा न करते हुए आदर व सम्मान से ओबीसी आरक्षण में विंसगतियों को बहाल करने का आह्वान करता हूँ और इसे प्रदेश के लाखों युवाओ के भविष्य के बारे में समझे व देखें। साथ ही उन्होंने कहा कि राजनीतिक धरातल खिचकने की बात करने को लेकर कहा कि बायतु की जनता जो राजनीतिक जमीन तय करेगी वो मुझे मंजूर है। वहीं चौधरी ने बताया कि कैबिनेट की गोपनीयता भंग होना दुर्भाग्यपूर्ण है। मै भी कैबिनेट में रहा हूँ ओर जो साथी कैबिनेट में थे उनको पता है कि युवाओं के जो भी मामले आते थे मेरा मत हमेशा प्रदेश के युवाओं और बेरोज़गारों के साथ रहा है और भविष्य में भी रहेगा।