हनुमानजी कलयुग के सबसे आराध्य देव हैं। हनुमानचालीसा का पाठ करना सबसे ज्यादा आसान भी रहता है और उसका फल भी जरूर प्राप्त होता है। हनुमानचालीसा का पाठ बेहद सरल है पर इसे नियमपूर्वक किया जाना चाहिए। पंडित दीपक दीक्षित बताते हैं कि हनुमानचालीसा का पाठ बहुत फलदायक रहता है। इसका एक विशेष प्रयोग भी है। इसका सात बार पाठ करना सबसे उत्तम माना जाता है।
हनुमानचालीसा में भी लिखा है –
जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहिं बंदी महा सुख होई-
यानि हनुमानचालीसा का नियमित रूप से सात बार पाठ करने से महासुख मिलता है, यहां तक कि बंदी कारागृह से मुक्त हो सकता है। भावार्थ यह है कि हनुमानचालीसा का सात बार का पाठ करने से जीवन का ऐसा कोई सुख नहीं है जोकि प्राप्त नहीं किया जा सके।
जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहिं बंदी महा सुख होई-
यानि हनुमानचालीसा का नियमित रूप से सात बार पाठ करने से महासुख मिलता है, यहां तक कि बंदी कारागृह से मुक्त हो सकता है। भावार्थ यह है कि हनुमानचालीसा का सात बार का पाठ करने से जीवन का ऐसा कोई सुख नहीं है जोकि प्राप्त नहीं किया जा सके।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के मुताबिक यदि आप जीवन में पैसों की दिक्कत दूर करना चाहते हैं, कोई बड़ा संकट आपको परेशान कर रहा है, अच्छी नौकरी चाहते हैं, कोई परिजन किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त है या जीवन में प्यार की अभिलाषा है- इन सब कामों के लिए एक ही कारगर उपाय है- हनुमानचालीसा का मनोयोग से 7 बार पाठ करना। शुक्ल पक्ष के किसी भी मंगलवार से यह काम शुरु करें और नियमित रूप से 40 दिनों तक रोज हनुमानचालीसा का सात बार पाठ करें। पाठ पूरा होने के बाद जल्द ही आपके मन की मुराद पूरी हो जाएगी। इस दौरान हो सके तो विशेषरूप से मंगलवार के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें.