लोकसभा चुनाव 2019 ( lok sabha election 2019 ) में शानदार जीत हासिल कर सांसद बनने वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ( hanuman beniwal ) ने आज मंगलवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। बेनीवाल के साथ नरेंद्र खीचड़ ने भी विधायक पद से इस्तीफा दिया। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने दोनों का इस्तीफा स्वीकार किया। बेनीवाल आज विधानसभा पहुंचे और शाम को 4:00 बजे अपना इस्तीफा सौंपा। नियमानुसार 14 दिन में इस्तीफा देना पड़ता है। ऐसे में हनुमान बेनीवाल ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया। नागौर लोकसभा सीट ( nagaur lok sabha seat ) से जीत हासिल करने वाले हनुमान बेनीवाल ने चुनाव जीतने के बाद कहा था कि अब नागौर में विकास की गंगा बहेगी। अब कोई काम बाकी नहीं रहेगा।
अपनी शानदार जीत के बाद बेनीवाल ने कहा था कि नागौर ही नहीं पूरे राजस्थान के लिए हमने प्राथमिकताएं तय की हैं। एक तो तमाम टोल माफ हो। बेरोजगारों को रोजगार मिले। विशेष राज्य का दर्जा राजस्थान को मिले। किसानों की कर्जमाफी के लिए हम विशेष प्रयास करेंगे। नागौर में मिलिट्री स्कूल खुले। विकास में नागौर को एक नम्बर पर देखना चाहता हूं। भारतीय जनता पार्टी और एनडीए अब अलग तो रहा ही नहीं है। जब हमने कहा कि परिवार का हिस्सा है। हमारे कार्यकर्ताओं की इच्छा थी कि भाजपा से गठबंधन करें तो हमने राष्ट्रहित में यह फैसला किया। आगे भी सही फैसला लेंगे।
एक सवाल के जवाब में बेनीवाल ने कहा था कि देखिए, मंत्री पद का मुझे कोई लालच नहीं। गठबंधन के समय ऐसी कोई बात भी नहीं हुई। इसलिए नेतृत्व जो निर्णय करेगा, वह स्वीकार होगा।
गौरतलब है कि हनुमान बेनीवाल ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत गए। बेनीवाल ने नागौर से कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. ज्योति मिर्धा ( Jyoti Mirdha ) को डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से हराया। नागौर लोकसभा क्षेत्र के 19 लाख 24 हजार 567 में से 11 लाख 96 हजार 32 लोगों ने मतदान किया था। बेनीवाल को 6 लाख 60 हजार 51, जबकि ज्योति मिर्धा को 4 लाख 78 हजार 751 मत मिले। इसके अलावा 13049 लोगों ने नोटा का प्रयोग किया।
एक नजर हनुमान बेनीवाल बेनीवाल की जीत के कारणों पर युवा वर्ग में लोकप्रियता
हनुमान बेनीवाल की युवा वर्ग में अच्छी खासी लोकप्रियता है, जिसका उनको पूरा फायदा मिला। युवाओं ने चुनाव अभियान में भी बेनीवाल का पूरा साथ दिया। वे बेनीवाल को मत देने की अपील करने के लिए मतदाताओं के घर-घर पहुंचे। वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं से जुड़ाव न होना ज्योति मिर्धा के लिए भारी पड़ गया।
हनुमान बेनीवाल की युवा वर्ग में अच्छी खासी लोकप्रियता है, जिसका उनको पूरा फायदा मिला। युवाओं ने चुनाव अभियान में भी बेनीवाल का पूरा साथ दिया। वे बेनीवाल को मत देने की अपील करने के लिए मतदाताओं के घर-घर पहुंचे। वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं से जुड़ाव न होना ज्योति मिर्धा के लिए भारी पड़ गया।
सभी समाज का साथ
हनुमान बेनीवाल को हर कौम से वोट मिले। खासकर राजपूत बहुत इलाकों में उन्होंने भाजपा की मदद से अच्छे वोट हासिल किए। भाजपा को गजेंद्र सिंह शेखावत, राजेंद्र सिंह राठौड़ और योगी आदित्यनाथ का समर्थन भी मिला। इसके अलावा उनके आरएसएस के साथ संंबंध भी काम आए।
हनुमान बेनीवाल को हर कौम से वोट मिले। खासकर राजपूत बहुत इलाकों में उन्होंने भाजपा की मदद से अच्छे वोट हासिल किए। भाजपा को गजेंद्र सिंह शेखावत, राजेंद्र सिंह राठौड़ और योगी आदित्यनाथ का समर्थन भी मिला। इसके अलावा उनके आरएसएस के साथ संंबंध भी काम आए।
सोशल मीडिया पर सक्रियता
सोशल मीडिया पर सक्रियता का भी हनुमान बेनीवाल की जीत में अहम योगदान रहा। हनुमान बेनीवाल की टीम उनके हर कार्यक्रम की जानकारी सोशल मीडिया पर समय-समय पर अपडेट करती रहती है। सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट खूब देखी और शेयर की जाती है। इस कारण भी उनकी लोकप्रियता बहुत ज्यादा है।
मोदी लहर
हनुमान बेनीवाल की जीत में मोदी लहर का भी योगदान रहा। राजस्थान में एनडीए की जीत को खुद बेनीवाल ने मोदी तूफान का उसर बताया है। भाजपा के साथ गठबंधन करने का बेनीवाल को फायदा मिला। चुनाव में उन्होंने मोदी के नाम पर वोट मांगे। हर सभा में राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाया। कांग्रेस के हर सवाल का मुखर होकर जवाब दिया।
हनुमान बेनीवाल की जीत में मोदी लहर का भी योगदान रहा। राजस्थान में एनडीए की जीत को खुद बेनीवाल ने मोदी तूफान का उसर बताया है। भाजपा के साथ गठबंधन करने का बेनीवाल को फायदा मिला। चुनाव में उन्होंने मोदी के नाम पर वोट मांगे। हर सभा में राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाया। कांग्रेस के हर सवाल का मुखर होकर जवाब दिया।