सात दिन तक कडी मेहनत और लगातार काम कर 3500 से ज्यादा जिंदगियां बचाई। इस रेस्क्यू ऑपरेशन ( rescue operation ) में खास रहा कि एक भी जिंदगी को पानी में समाने नहीं दिया। यह कहना है कि शिवदासपुरा के रहने वाले एनडीआरएफ ( National Disaster Response Force NDRF ) में इंस्पेक्टर कैलाश शर्मा का।
गुवाहाटी में स्थित एनडीआरएफ की बटालियन में कैलाश टीम कमांडर है। 11 जुलाई को कमांडेंट रणधीर सिंह गिल से निर्देश मिले कि मोरीगांव, लाहेरीगंज, भोरागांव इलाके में बाढ़ के हालात है। वहां नागरिकों को बचाने पहुंचे। 12 जुलाई को इलाके की रैकी की। टीम में 20 जवान थे, पांच बोटों से राहत व बचाव कार्य शुरू किए गए। 18 जुलाई तक चले ऑपरेशन में 3500 हजार जिंदगियां बचाई गई।
एक घर में घुसे तो शमशुद्दीन आलम एनआरसी के डॉक्यूमेंट लेकर बैठा था। उसे बचाया, तो वहीं पर उसकी 115 वर्षीय मां शकीना बेगम दिख गई। इस उम्र में उसे रस्सी या फिर लाइफ जैकेट के जरिए लेकर आना बड़ा मुश्किल काम था। लेकिन टीम के जवान व मैंने मिलकर उन्हें सकुशल बाहर निकाला। इसी तरह गर्भवती महिलाएं, बच्चों को भी बचाया गया।
एक घर में आठ लोग फंसे हुए थे, जैसे-तैसे वह घर के बाहर केले के पेड़ तक आए तो हमने वहां तक रस्सी फेंकी और एक-एक कर उन्हें बोट में ले आए। पूरे ऑपरेशन के दौरान दिल्ली में डायरेक्टर ऑफ एनडीआरएफ सत्यनारायण प्रधान व रणधीर सर पूरी मॉनिटरिंग करते रहे। हमें बताया गया था कि अधिक से अधिक लोगों को बचाया जाए। हमें खुशी है कि सभी लोगों को हम सकुशल निकाल लाए।