आपको बता दें कि कल सरकार के मंत्री और गुर्जर नेताओं की बैठक थी, इस बैठक में सरकार और गुर्जरों की सहमति नहीं बन पाई थी। इसी के चलते गुर्जरों ने मोदी के आगमी 7 जुलाई को जयपुर दौरे के दौरान होने वाली सभा में विरोध प्रदर्शन करने की बात कही थी। इसी डर के चलते सरकार ने रातों-रात आनन-फानन में फैसला लेकर आरक्षण के आदेश जारी किए।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी ने अम्बेडकर भवन में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के साथ हुई बातचीत का ब्यौरा देते हुए पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के साथ सौहार्दपूर्ण बातचीत हुई है। इस बातचीत में पिछडा वर्ग को एक फीसदी आरक्षण देने के लिये कार्मिक विभाग ने स्पष्ट आदेश निकाल दिया है। जिससे अति पिछडा वर्ग के अभ्यथ्रियों को इस आदेश के तहत सामान्य पिछडा वर्ग और अति पिछडा वर्ग में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
अरूण चतुर्वेदी ने कहा है कि राज्य सरकार गुर्जरों से हुए समझौते के तहत अब तक देवनारायण योजना में 1000 करोड रूपये से ज्यादा व्यय कर चुकी है। इसके अलावा राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अति पिछड़ा वर्ग (एम.बी.सी) को 50फीसदी आरक्षण सीमा में एक फीसदी आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही 1252 नियुक्तियों को लेकर भी राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिया है इन नियुक्तियों में अति पिछडा वर्ग को एक फीसदी आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। विभिन्न विभागों में अटकी 102 नियुक्तियों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार देने का आदेश दिया गया है।
गुर्जरों पर दर्ज क़ानूनी मुकदमे लिए जाएंगे वापिस गुर्जर आरक्षण आंदोलन के तहत जिन गुर्जर व्यक्तियों पर मुकदमे दर्ज हुए थे, उन्हे भी कानूनी प्रक्रिया के तहत वापस लिया जा रहा है। चतुर्वेदी ने बताया कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई है। इसी के चलते गुर्जरों को आरक्षण समेत अन्य लाभ दिया जा रहा है।