करौली, भरतपुर, दौसा, जयपुर समेत कई जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। लेकिन इंटरनेट बंद होने के बाद गुर्जर नेताओं ने करौली और भरतपुर में पैदल गावों और कस्बों में दौरा किया। पीले चावल बांटे और लोगों को आज के दिन आंदोलन स्थल पर आने का न्यौता दिया। सरकार ने गुर्जर आंदोलन को देखते हुए प्रदेश के 8 जिलों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लागू किया है।
आंदोलन प्रभावित जिलों में सुरक्षा बलों की 29 कम्पनियां तैनात की हैं। अन्य रिजर्व पुलिस बल को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। जयपुर की 5 तहसील कोटपूतली, पावटा, शाहपुरा, विराटनगर, जमवारामगढ़ सहित भरतपुर में गुर्जर बहुल क्षेत्रों में एक नवम्बर की शाम 6 बजे तक नेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। उधर, गृह विभाग ने भरतपुर, धौलपुर, दौसा, करौली, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और झालावाड़ के जिला कलक्टरों को निर्देश दिए हैं कि आंदोलन के हिंसक होने पर रासुका के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करें।
मंत्रिमंडलीय उप समिति और 41 गुर्जर प्रतिनिधियों के बीच शनिवार को करीब सात घंटे की बैठक के बाद 14 बिदुओं पर सहमति बनी। बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना की गुर्जर नेता हिम्मत सिंह के नेतृत्व में जयपुर पहुंचे प्रतिनिधि मंडल से वार्ता हुई। बैठक में तय हुआ कि एमबीसी आरक्षण के तहत रीट में शेष पदों पर भी आरक्षण को लेकर राज्य सरकार के स्तर पर एक समिति गठित होगी, जो सात दिन में निर्णय करेगी। राज्य सरकार फिर गुर्जर समाज को नौंवी अनुसूचि में शामिल करने के लिए केंद्र को पत्र लिखेगी। हिम्मत सिंह ने कहा कि सभी मांगे मान ली गई हैं, आंदोलन की जरूरत नहीं। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला गुट को लेकर हिम्मत सिंह ने कहा कि बैंसला खुद फैसला करें, हम उनके पास नहीं जाएंगे।