संसदीय कार्य विभाग ने 27 जून से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के सम्बन्ध में सात बिंदुओं का एक परिपत्र जारी किया है, जो सिर्फ अफसरों के लिए है। विधानसभा की कार्यवाही के दौरान अफसर कई बार दिशा-निर्देशों की अवमानना कर चुके हैं और विधानसभा अध्यक्षों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कई बार नाराजगी भी जाहिर की है। कई अफसरों को विधानसभा में कई बार स्पष्टीकरण भी देना पड़ा है। अफसरों की ओर से बार-बार दिशा-निर्देशों की अवहेलना नहीं की जाए। इसके लिए संसदीय कार्य विभाग ने इस बार पहले ही एक परिपत्र जारी कर दिया है, जिसमें अफसरों को कई तरह की हिदायतें दी गई है।
इन दिशा-निर्देशों का करना होगा अफसरों को पालन
-सदन में राजकीय दीर्घा में प्रवेश करते समय या बाहर जाते समय, अपने स्थान पर बैठते या उठते समय प्रत्येक अधिकारी को विधानसभा अध्यक्ष के प्रति नमन करना होगा।
-विधानसभा अध्यक्ष के सदन में आने और जाने के समय जब भी विधानसभा के सदस्य खड़े होंगे, उस समय अफसरों को भी अध्यक्ष के सम्मानार्थ खड़ा होना होगा। -सदन में प्रश्नकाल के पश्चात विधानसभा अध्यक्ष सदन में खड़े होकर कोई व्यवस्था दे रहे हों तो जब तक अध्यक्ष का सम्बोधन खत्म नहीं हो जाता, तब तक अफसर अपनी सीट नहीं छोडें और उठकर अफसर दीर्घा से बाहर नहीं जाएंगे। अफसर इस बात का भी ध्यान रखेंगे कि यदि अध्यक्ष कोई व्यवस्था दे रहे हैं और वे बाहर से दीर्घा में आ रहे हैं तो वे बाहर ही रहें। जब अध्यक्ष बैठ जाएं तो अफसर अंदर आ जाएं।
-अफसर दीर्घा में अधिकारी आपस में बातचीत नहीं करें। ना ही ऐसा कोई कार्य करें, जो सदन का ध्यान आकर्षित करता हो। -कोई भी अधिकारी ऐसी पुस्तक, समाचार पत्र नहीं पढ़ेगा, जो सदन की कार्यवाही से सम्बद्ध हो।
-सदन में धूम्रपान करना, पानी पीना या किसी पेय पदार्थ का उपयोग करना और नींद लेना भी वर्जित होगा। -मोबाइल या कोई भी इलेक्ट्रोनिक डिवाइस नहीं ले जा सकेंगे। यदि कोई ले गया और वह बजा तो विधानसभा सचिवालय उसे जब्त कर लेगा और किसी भी परिस्थिति में अफसर को वह फोन वापस नहीं मिलेगा।