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जयपुर

Group Captain Shaliza Dhami को Frontline combat unit की कमान

नारी शक्ति : भारतीय वायुसेना में पहली बार महिला अधिकारी को मिली यह जिम्मेदारी। 2003 में शामिल हुईं वायुसेना में, अब तक 2800 घंटे से ज्यादा उड़ान।

जयपुरMar 08, 2023 / 10:44 pm

Aryan Sharma

Group Captain Shaliza Dhami को Frontline combat unit की कमान

Group Captain Shaliza Dhami को Frontline combat unit की कमान

नई दिल्ली. भारतीय वायुसेना ने महिला दिवस के मौके पर ऐतिहासिक फैसला करते हुए ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी को पश्चिमी सेक्टर की फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट की कमान संभालने के लिए चुना है। वायुसेना के इतिहास में पहली बार किसी महिला अधिकारी को अग्रिम मोर्चे की लड़ाकू इकाई की कमान सौंपी गई है। पश्चिमी सेक्टर भारत-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र में आता है। वायुसेना में ग्रुप कैप्टन का पद कर्नल के बराबर होता है।
भारतीय वायुसेना में 2003 में शामिल हुईं शालिजा धामी फिलहाल वायुसेना के फ्रंटलाइन कमांड मुख्यालय की ऑपरेशन शाखा में कार्यरत हैं। उन्हें वायुसेना की बेहतरीन फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर में गिना जाता है। वह पहली महिला अधिकारी हैं, जिनके पास फ्लाइंग ब्रांच का स्थायी कमीशन है। वह चेतक और चीता हेलिकॉप्टर्स उड़ाती रही हैं। उन्हें 2800 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है। सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज के महानिदेशक रिटायर्ड एयर मार्शल अनिल चोपड़ा ने कहा कि कॉम्बैट और कमांड नियुक्तियों में महिला अधिकारियों के लिए यह एक और मील का पत्थर है। महिला अधिकारी अब नेतृत्व करने को तैयार हैं। तीनों सेनाओं में 9,118 महिलाएं हैं। इनमें से 1,607 वायुसेना में सेवारत हैं। इस महीने की शुरुआत में सेना ने मेडिकल स्ट्रीम के बाहर पहली बार महिला अधिकारियों को कमान सौंपने की शुरुआत की है। इनमें से करीब 50 अग्रिम समेत परिचालन क्षेत्रों में यूनिट्स की अगुवाई करेंगी।

हौसले की उड़ान, दो बार मिला कमांड
लुधियाना (पंजाब) के शहीद करतार सिंह सराभा गांव की शालिजा धामी को सितंबर 2019 में वायुसेना की फ्लाइंग यूनिट की पहली महिला कमांडर बनाया गया था। उन्हें एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ की तरफ से दो बार कमांड दिया जा चुका है। शालिजा ने घुमार मंडी के खालसा कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई की। उनके पिता हरकेश धामी बिजली बोर्ड के एसडीओ, जबकि मां देव कुमारी जल आपूर्ति विभाग में कार्यरत थीं।

2010 में हाईकोर्ट ने दिया था अधिकार
भारतीय वायुसेना में 1994 में पहली बार महिलाओं को शामिल किया गया था। काफी समय तक उन्हें नॉन कॉम्बैट जिम्मेदारी दी जाती रही। दिल्ली हाईकोर्ट में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 2010 में वायुसेना में महिलाओं को पुरुषों के समकक्ष कमीशन पाने का अधिकार मिला। हाईकोर्ट ने फैसले में कहा था कि 14 साल की सर्विस पूरी होने के बाद महिलाओं को पुरुषों की तरह स्थायी कमीशन दिया जाए।

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