जयपुर ग्रेटर व हैरिटेज नगर निगम ने 1300 से अधिक नाले है, जिनमें अभी 70 फसदी भी नाले साफ नहीं हो पाए है। जानकारों का कहना है कि नाला सफाई का काम धरातल पर कम, कागजों में अधिक होता है। बारिश में सड़क पर बहती कचरा—गंदगी सच्चाई बयां कर रही है। दोनों निगमों का मुख्य फोकस मुख्य मार्गों व सड़कों के नालों की सफाई पर ही रहता है। ऐसे में अंदरुनी नालों के साथ कॉलोनियों के नालों की सफाई नहीं हो पाती है। जिला प्रशासन ने 15 जून से पहले नाला सफाई का काम पूरा करने का टारगेट दे दिया था। नगर निगम ग्रेटर और हैरिटेज के पार्कों में बिजली के बॉक्स खुले पड़े है। तारों में करंट दौड़ रहा है, लेकिन अफसर आंखें मूंदे बैठे है।
ग्रेटर निगम मेयर सौम्या गुर्जर ने ये दिए निर्देश
— सभी मैनहॉलों पर ढक्कन लगाकर बंद किए जाए। छोटे नालों व नालियों पर भी फेरो कवर लगाए जाए।
— नालों की सफाई पूरी कर ली जाए।
— नालों से निकला हुआ मलबा हटा लिया जाए, जिससे फिर से मलबा नालों में नहीं जाए।
— खुले नालों से दुर्घटना होने की आशंका वाले स्थानों को चिह्नित किया जाए। ऐसे पॉइंटों पर सुरक्षा के इंतजाम किए जाए।
— नालों की टूट—फूट की मरम्मत करवाई जाए।
— फ्लड कंट्रोल रूम पर आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाए जाए।
— नगर निगम की रोड लाइटों के पोलों पर कही भी तार खुले में नहीं रहे।
— निगम के सभी उद्यानों में बिजली के बॉक्स खुले नहीं रहे।
एक दिन पहले हुई बारिश लाई परेशानी, एक की मौत
राजधानी में एक दिन पहले आई तेज बारिश ने व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। जगतपुरा जोन क्षेत्र में आगरा रोड बावड़ी चौराहे पर तेज बारिश में हाईमास्ट लाइट के बॉक्स में करंट आने से एक जने की मौत होग गई।
— रामगढ़ मोड से जलमहल में गिरने वाले नाला ओवरफ्लो होने से कचरा सड़क पर आ गया।
— शहर में जगह—जगह जलभराव की स्थिति बन गई। कई कॉलोनियों में लोगों का आवागमन ठहर सा गया।
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50 फीसदी भी नाले साफ नहीं
नगर निगम ग्रेटर जयपुर के नेता प्रतिपक्ष राजीव चौधरी का कहना है कि एक माह पहले 70 फीसदी नाला सफाई का दावा किया गया, लेकिन अभी तक 50 फीसदी भी नाले साफ नहीं हुए है। जिन नालों की सफाई की गई, उनका मलबा सड़क पर ही छोड दिया गया, जो बारिश में फिर से नालों में जमा हो गया है। नाला मरम्मत के नाम पर भी खानापूर्ति की जा रही है।