जयपुर

पंचायत राज निदेशक के अधिकारों पर सरकार ने चलाई कैंची, पद पर अभी बैठे मंत्री भूपेश के पति

अनुशासनात्मक कार्रवाई के मामलों में निर्णय के अधिकार छीन कर सचिव को सौंपे
 

जयपुरJan 02, 2022 / 08:32 pm

Pankaj Chaturvedi

सिर्फ वेब के लिए….पंचायत राज निदेशक के अधिकारों पर सरकार ने चलाई कैंची, पद पर अभी बैठे मंत्री भूपेश के पति

जयपुर. पंचायत राज विभाग के अभियंताओं और विकास अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई संबंधी मामलों में राज्य सरकार ने पंचायत राज निदेशक के अधिकारों पर कैंची चला दी है। ये अधिकार अब निदेशक के स्थान पर विभाग के सचिव को दिए गए हैं। खास यह है कि निदेशक के पद पर फिलहाल महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश के पति डॉ. घनश्याम कार्यरत हैं। विभाग की प्रमुख सचिव अपर्णा अरोड़ा ने निदेशक के अधिकारों में कटौती के आदेश जारी किए हैं। पहले ऐसे मामलों में सुनवाई और निर्णय के अधिकार निदेशक के पास थे।
ऐसे छिन गए अधिकार

— विकास अधिकारियों, सहायक अभियंताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई एवं अभियोजन स्वीकृति के प्रकरणों में सुनवाई और निस्तारण अब निदेशक के बजाय सचिव करेंगे। मंत्री अनुमोदित करेंगे।

— कनिष्ठ अभियंताओं के खिलाफ 16, 17 सीसीए, कारण बताओ नोटिस एवं अभियोजन स्वीकृति संबंधी मामलों में सुनवाई और निस्तारण सचिव स्तर पर किया जाएगा।
50 लाख से अधिक की आइइसी मंत्री के हाथ

सरकार ने पंचायत राज व ग्रामीण विकास के सभी अधीनस्थ विभागों में आइइसी (इंफोरमेशन, एजुकेशन एंड कम्यूनिकेशन) गतिविधियों के अधिकारों में भी संशोधन किया है। 50 लाख रुपए से अधिक राशि की आइइसी गतिविधियों की मंजूरी अब मंत्री के अनुमोदन के बाद ही जारी की जाएंगी। इसके दायरे में मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन समेत सभी विभागीय योजनाएं आएंगी। गौरतलब है कि इससे पहले भी सरकार ग्रामीण विकास और पंचायत राज की सभी आइइसी गतिविधियों के एकीकरण के लिए कवायद कर चुकी है। विभाग की प्रमुख सचिव ने इस बारे में सभी विभागध्यक्षों को निर्धारित समय में इस एकीकरण को अमलीजामा पहनाने के निर्देश जारी किए थे।
‘ हमने रूल्स ऑफ बिजनेस के लिए प्रस्ताव भेजा था। आदेश के बारे में मुझे जानकारी नहीं है।’

रमेश मीणा, पंचायत राज मंत्री

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