गोविंदगढ़ मेट्रो पाउडर प्लांट का ट्रायल सफल,सरप्लस दूध से बनाया जाएगा प्लांट पर पाउडर
राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फैडरेशन अब दूध सप्लाई करने के साथ ही मिल्क पाउडर बनाने का काम भी करेगा। फैडरेशन ने जयपुर के गोविंदगढ़ में पाउडर प्लांट का ट्रायल किया था जो सफल रहा। प्लांट का ट्रायल तीन दिन किया गया। प्लांट का विधिवत शुभारंभ आगामी फलश सीजन अक्टूबर या नवंबर में किया जाएगा। पाउडर प्लांट की क्षमता 30 मैट्रिक टन प्रतिदिन है और यह राजस्थान प्रदेश का पहला अत्याधुनिक टैक्नोलॉजी युक्त स्वचालित और पूर्णतया कम्प्यूटराइज्ड प्लांट है। इससे राज्य भर के जिला दुग्ध संघों को फायदा होगा। जिला दुग्ध संघों में उपलब्ध सरप्लस दूध से पाउडर बनाया जाकर उसे सुरक्षित रखा जा सकता है।
यह मिलेगा फायदा
डेयरी फैडरेशन के प्रवक्ता प्रबंधक जनसम्पर्क विनोद गेरा ने बताया कि स्वयं के पाउडर प्लांट से आरसीडीएफ और जिला दुग्ध संघों को अपेक्षाकृत बहुत अधिक लागत पर आउडसोर्सड प्लांट्स से पाउडर बनवाने से भी निजात मिलेगी। फलश सीजन में डेयरी फैडरेशन और इससे सम्बद्ध जिला दुग्ध संघों को पाउडर बनवाने के लिए दूध को पड़ोसी राज्यों, विशेष रूप से उत्तरप्रदेश में स्थित आउडसोसर्ड प्लांट्स में भेजना पड़ता था। एक मोटे अनुमान के मुताबिक स्वयं के पाउडर प्लांट में पाउडर बनाने से फलश सीजन में परिवहन और कन्वर्जन व्यय में लगभग 10 करोड़ रुपए की बचत फैडरेशन को होगी।
प्लांट निर्माण पर 60 करोड़ रुपए हुए व्यय
मेट्रो पाउडर प्लांट में 15 जुलाई से17 जुलाई तक स्किम्ड मिल्क पाउडर निर्माण का तीन दिवसीय सफल ट्रायल पूरा कर लिया गया है। मुख्यमंत्री बजट घोषणा के मुताबिक गोविंदगढ़ में 30 मैट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के पाउडर प्लांट के निर्माण पर लगभग साठ करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। पाउडर प्लांट के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने 37.27 करोड़ रुपए का ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध करवाया था, जिसका सरकार को पुर्नभुगतान भी किया जा चुका है।