जयपुर

उज्जैन के महाकाल की तर्ज पर गोविंददेवजी मंदिर का होगा विकास, रखी आधारशिला, अब होगा ये काम

Govinddevji Temple Development: जयपुर शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर को भी उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर विकसित करने का काम शुरू हो गया है। एक दिन पहले ही इसकी आधारशीला रखी गई है।

जयपुरSep 28, 2023 / 12:05 pm

Girraj Sharma

उज्जैन के महाकाल की तर्ज पर गोविंददेवजी मंदिर का होगा विकास, रखी आधारशिला, अब होगा ये काम

जयपुर। शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर को भी उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर विकसित करने का काम शुरू हो गया है। एक दिन पहले ही इसकी आधारशीला रखी गई है। जेडीए जल्द ही प्रोजेक्ट विकास की डीपीआर बनाएगा, इसके बाद धरातल पर काम शुरू होगा। एक वर्ष में करीब 30 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मंदिर के विकास पर कुल 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

गोविंददेवजी मंदिर के पहुंच मार्ग का जीर्णोद्धार करने के साथ ही वहां सौन्दर्यन के काम होंगे। इसके साथ ही जन सुविधाएं विकसित की जाएगी। मंदिर मार्ग में वर्तमान में मौजूदा सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। नई सुविधाओं के निर्माण से संबंधित कार्य में जयपुर की पारम्परिक वास्तुकला को दृष्टिगत रखते हुए विश्वस्तरीय विकास किया जाएगा। इसमें प्रवेश द्वार, छत्तरियां, जल निकासी व्यवस्था काम होगा। इसके साथ ही वहां फव्वारे का जीर्णोद्धार और नए फव्वारे लगाने का काम होगा। मार्ग में मंडाना कॉब्बल पत्थर का फर्श बनाया जाएगा। इसके साथ ही यहां पार्किंग की सुविधा भी विकसित की जाएगी। शौचालय निर्माण के साथ अन्य सौन्दर्यन के काम किए जाएंगे।

अभी तक क्या
गोविंददेवजी मंदिर के विकास कार्यों के लिए जेडीए ने 20.30 करोड़ रुपए की प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी है। इसके साथ ही करीब 17 करोड़ रुपए के वर्कआॅर्डर जारी कर दिए है। इस काम के लिए कंसल्टेंट नियुक्त कर दिया गया है। अब सबसे पहले प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की जा रही है। डीपीआर तैयार होने के बाद काम शुरू होगा।

सीएम गहलोत की बजट घोषणा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2023—24 की बजट में गोविंददेवजी मंदिर का महाकाल उज्जैन की तर्ज पर विकास करने की घोषणा की है। इसके लिए प्रथम चरण में 100 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया गया है।

 

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धार्मिक के साथ सांस्कृतिक पहचान
जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी न केवल धार्मिक महत्व के केंद्र है, बल्कि जयपुर की सांस्कृतिक पहचान का एक अभिन्न अंग भी है। गोविंद देवजी मंदिर का इतिहास भक्ति, वास्तुकला और सांस्कृतिक विरासत को जोड़ता है। सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा इसकी नींव और इसकी वास्तुकला की भव्यता आगंतुकों को प्रेरित करती है।

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