डोटासरा ने अपने आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जिस दिन उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली थी उसी दिन ये तय हो गया था कि हमें मंत्री पद छोड़ना है और मैंने आलाकमान के समक्ष एक पद पर ही काम करने की मंशा भी जाहिर की थी, लेकिन आलाकमान ने हमें रुकने को कहा था कि जब उचित समय होगा तब बता देंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी का सिद्धांत है कि एक व्यक्ति एक पद पर ही होना चाहिए, इसलिए हम तीन मंत्रियों ने एक व्यक्ति और एक पद सिद्धांत की पालना करते हुए सोनिया गांधी को इस्तीफा भेजा था।
डोटासरा ने कहा कि संगठन के माध्यम से हम सरकार की लोकप्रिय योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाएंगे, उनका प्रचार प्रसार करेंगे, गांव-गांव ढाणी-ढाणी में जा करके उनको लाभ लोगों को मिल सके इसका प्रयास करेंगे साथ ही केंद्र सरकार की नाकामियों बढ़ती महंगाई, काले कानूनों, नोटबंदी के दुष्प्रभावों को आमजन तक पहुंचाएंगे।
डोटासरा ने कहा कि संगठन के जरिए जमीन पर अभी से ही काम में जुटेंगे जिससे 2023 में फिर सत्ता में लौट सकें और 2024 में मोदी सरकार को सत्ता से बाहर कर सकें। पीसीसी चीफ ने कहा कि मेरे पास पहले दोहरी जिम्मेदारी थी अब सिर्फ संगठन की जिम्मेदारी है, संगठन को मजबूत करने के साथ ही संगठन का विस्तार भी करेंगे।
संगठन ता इतना बड़ा काम है कि दिन-रात जितना काम किया उतना कम है जिन कार्यकर्ताओं के बलबूते पर हम सत्ता में आए हैं उन कार्यकर्ताओं की आशाओं और अपेक्षाओं को पूरा करना है भी मेरा काम रहेगा कि उन कार्यकर्ताओं को सरकार में कैसे भागीदारी दी जाए।