गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बाबू शोभाराम मेमोरियल चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से स्वतंत्रता सेनानी, अलवर के पूर्व सांसद एवं प्रदेश के पूर्व मंत्री रहे स्व. बाबू शोभाराम के जीवन पर प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया। उन्होंने स्मारिका के प्रकाशन के लिए ट्रस्ट को साधुवाद दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य बजट में 50 यूनिट तक निशुल्क बिजली एवं अनुदान की घोषणा से प्रदेश में 5 लाख 60 हजार परिवारों को बिजली का बिल नहीं भरना पड़ेगा। चिरंजीवी योजना में पंजीकृत 1 करोड़ 33 लाख परिवारों की महिला मुखियाओं को स्मार्टफोन उपलब्ध कराए जाएंगे।
राज्य सरकार ने 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों के लिए पूर्व पेंशन योजना लागू करने का निर्णय मानवीय दृष्टिकोण के आधार पर किया है। इस फैसले से हमने कर्मचारियों एवं उनके परिवारों को सामाजिक सुरक्षा दी है। आने वाले समय में केन्द्र एवं अन्य राज्य सरकारों को भी ऎसा मानवीय निर्णय करना पड़ेगा।
गहलोत ने कहा कि वर्ष 2012 तक के कृषि कनेक्शनों की पेंडेन्सी समाप्त करने, सभी सैकण्डरी विद्यालयों को सीनियर सैकण्डरी में क्रमोन्नत करने जैसी घोषणाएं भी बजट में की गई हैं। कोरोना की विषम परिस्थितियों के बावजूद ऎसा शानदार बजट प्रस्तुत किया है, जिसमें सभी की जरूरतों का ध्यान रखा गया है। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित लोगों से अनुरोध किया कि वे जागरूकता के अभाव में वंचित गांव-ढाणी के लोगों तक भी इन बजट घोषणाओं का लाभ पहुंचाने में सहभागी बनें।