जयपुर जिले के करीब 60 राजकीय सैकण्डरी एवं सीनियर सैकण्डरी विद्यालयों के 30 हजार से भी अधिक विद्यार्थी स्मार्ट क्लासेज ( smart classes in jaipur ) के माध्यम से अपने पाठ्यक्रम के अलावा इंटरनेट ई-लाइब्रेरी और दर्जनों ज्ञानवर्धक वीडियो सहित विश्व-स्तरीय अध्ययन सामग्री का लाभ ले सकेंगे। इन विद्यािर्थयों को यह सुविधा ‘प्रोजेक्ट उत्कर्ष’ के अन्तर्गत आईसीटी लैब स्मार्ट नॉलेज सर्वर यानी ‘स्कूल इन ए बाक्स’ द्वारा प्रदान की जाएगी। जिला कलक्टर जगरूप सिंह यादव ( Jaipur collector ) शनिवार को प्रातः 11 बजे राजकीय महारानी बालिका उच्च माध्यमिक बनीपार्क जयपुर में स्मार्ट नॉलेज सर्वर द्वारा संचालित स्मार्ट क्लास का उद्घाटन करेंगे।
कार्यशाला का आयोजन भी किया जाएगा ( Education News ) यादव ने बताया कि इन 60 विद्यालयों में त्रिवर्षीय प्रोजेक्ट उत्कर्ष के इसी शैक्षणिक सत्र से प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सम्बन्धित विद्यालयों के संस्था प्रधानों एवं प्रॉजेक्ट प्रभारियों के लिए शनिवार को प्रातः 11 से दोपहर 1 बजे तक राजकीय महारानी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, बनीपार्क में आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन भी किया जाएगा।
ई लर्निग की सुविधा भी मिलेगी ( Jaipur News ) जिले में झोटवाड़ा, बस्सी, आमेर, जयपुर पूर्व एवं जयपुर पश्चिम ब्लॉक में आईसीटी सर्वर सुविधायुक्त 60 राजकीय विद्यालयों में यह त्रिवर्षीय प्रॉजेक्ट संचालित किया जा रहा है। सम्बन्धित विद्यालयों में ‘स्कूल इन बॉक्स’ स्थापित कर कक्षा 8, 9 एवं 10 के विद्यार्थियों को बिना इंटरनेट निर्भरता के ई-लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लासेज एवं ई लर्निग की सुविधा प्रदान की जाएगी।
प्रशासन करेगा प्रोजेक्ट प्रगति की नियमित समीक्षा यादव ने बताया कि सूचना एवं प्रौद्योेगिकी के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्रोत्साहित करने एवं विषय को समझने की प्रक्रिया को सरल एवं रूचिपूर्ण बनाने के लिए जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग एवं मोइनी फाउण्डेशन जयपुर की ओर से एचडीएफसी के सीएसआर सहयोग से यह प्रॉजेक्ट संचालित किया जा रहा है। इसकी डेशबोर्ड द्वारा नियमित रूप से रिमोट मॉनिटरिंग की जाएगी एवं जिला प्रशासन द्वारा भी प्रोजेक्ट की प्रगति की नियमित समीक्षा की जाएगी।
बिना इंटरनेट की निर्भरता के विविध विषयों की जानकारी दी जाएगी मोइनी फाउण्डेशन के निदेशक डॉ. विजय व्यास ने बताया कि इन साठ राजकीय विद्यालयों में स्कूल इन बॉक्स के सेटअप लगाए जा चुके हैं। प्रॉजेक्ट के त्रिवर्षीय क्रियान्वयन से जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के 30 हजार से भी अधिक विद्यार्थियेां को बिना इंटरनेट की निर्भरता के विविध विषयों की जानकारी दी जाएगी।
पाठ्यक्रम से इतर विषय यथा खान-अकैडमी, टे्रड टॉक्स, क्विज-एकेडमी, विकिपीडिया, हिन्दी शब्दकोष, टाइपिंग ट्यूटर, रोचक ज्ञानवर्धक, गणित, साइन्स के वीडियो, स्कूली शिक्षा संबंधित आरबीएसई एवं एनसीईआरटी (हिन्दी माध्यम) की टेक्स्ट-बुक्स, एनिमेशन, कम्प्यूटर में प्रयोगशाला विज्ञान आधारित-कबाड़ से खिलौने बनाने जैसे वीडियो आदि उपलब्ध करवाए जाएंगे। इससे सरकार द्वारा प्रदत आईसीटी संसाधनों का स्मार्ट क्लास एवं ई-लर्निंग के लिए समुचित उपयोग संभव हो सकेगा।