बता दें, बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से वहां के अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हुई हिंसा के खिलाफ चिन्मय एक प्रमुख आवाज बनकर उभरे हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद भारत में कई लोग आवाज उठा रहे हैं।
चिन्मय दास की गिरफ्तारी निंदनीय- गहलोत
दरअसल,
राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अपने एक्स हैंडल पर लिखते हुए कहा कि बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय के खिलाफ लगातार जारी हिंसा एवं इस हिंसा के खिलाफ लगातार बोल रहे चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी निंदनीय है। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही हिन्दुओं के विरुद्ध हिंसा जारी है परन्तु नई सरकार ने इसे रोकने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाए हैं।
अशोक गहलोत ने आगे कहा कि 1970 के दशक में जब ऐसी गतिविधियां हुईं थीं तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने सख्त कदम उठाकर वहां हिन्दुओं एवं सभी अल्पसंख्यकों को सुरक्षा सुनिश्चित की थी। भारत सरकार को हस्तक्षेप कर वहां रह रहे हिन्दू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
चिन्मय दास इस्कॉन संस्था से जुड़े हैं
गौरतलब है कि चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था। मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है। चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।