जयपुर

सरकार को आया चैन, गेहूं की कीमतें 10 फीसदी तक घटी

गेहूं की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए खुले बाजार में बेचने से इसकी कीमतें एक हफ्ते में 10 फीसदी से अधिक गिर गई हैं।

जयपुरFeb 06, 2023 / 09:50 am

Narendra Singh Solanki

सरकार को आया चैन, गेहूं की कीमतें 10 फीसदी तक घटी

गेहूं की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए खुले बाजार में बेचने से इसकी कीमतें एक हफ्ते में 10 फीसदी से अधिक गिर गई हैं। भारतीय खाद्य निगम द्वारा खुले बाजार में टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। यही वजह है कि गेहूं में गिरावट देखी जा रही है। ऊंचे भावों से दड़ा गेहूं मिल डिलीवरी 500 रुपए प्रति क्विंटल सस्ता हो चुका है। जयपुर मंडी में दड़ा गेहूं के भाव 2650 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। खुले बाजार में गेहुं बेचने के सरकारी फैसले के बाद पिछले सप्ताह जयपुर मंडी में गेहूं की कीमतें काफी नीचे आ गई थी। हालांकि जानकारों का कहना है कि मिलों के पास 24 घंटे चलने लायक गेहूं उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा मंडियों में भी गेहूं की आवक कम हो रही है। डिमांड के मुकाबले गेहूं की उपलब्धता कम होने से गेहूं की कीमतों में गिरावट ज्यादा टिक नहीं पाएगी।
यह भी पढ़ें

खान सुरक्षा अभियान में 164 माइंस का निरीक्षण, खनन कार्मिकों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर सरकार

मैदा, सूजी की कीमतों में गिरावट नहीं

इधर, मित्तल दलिया के निर्माता मुकुल मित्तल ने कहा कि सरकार ने खुले बाजार में गेहूं देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके प्रभाव से गेहूं अभी और सस्ता हो सकता है। हरियाणा एवं पंजाब डिपो से 1 फरवरी से क्वालिटी अनुसार गेहूं 2350 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में टेंडर द्वारा बेचे जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। दूसरी तरफ, गेहूं के अनुपात में मैदा, सूजी की कीमतों में गिरावट नहीं आई है। केन्द्र सरकार द्वारा ई-नीलामी के माध्यम से 25 लाख टन गेहूं बेचने की घोषणा बाजार में मांग की तुलना में काफी कम है। इसलिए गेहूं की कीमतों में फिर से तेजी बनने से इन्कार नहीं किया जा सकता। गेहूं की कीमतों में बड़ी गिरावट तभी टिकाऊ रह सकती है, जब सरकार ज्यादा मात्रा में खुले बाजार में बिक्री के लिए गेहूं उपलब्ध कराए। गेहूं की थोक कीमतें घटने के बावजूद खुदरा भावों में खास बदलाव नहीं आया है। खुदरा कीमतों में बदलाव नहीं होना ये दर्शाता है कि खुले बाजार में बिक्री के फैसले के बाद भी फिलहाल बाजार में अनिश्चितता का माहौल है।
यह भी पढ़ें

आम बजट में लंबे समय बाद आम लोगों को मिली खुशखबरी… सात लाख रुपए पर अब कोई टैक्स नहीं

15 मार्च तक साप्ताहिक ई-नीलामी

एफसीआई की योजना 15 मार्च तक गेहूं की बिक्री के लिए प्रत्येक बुधवार को साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित करने की है। सरकार ने कहा कि छोटे और मध्यम आटा मिलों और व्यापारियों ने नीलामी में सक्रिय रूप से भाग लिया, क्योंकि 100 से 499 टन की सीमा में अधिक मांग थी, इसके बाद 500 से 1000 टन और 50 से 100 टन की मांग थी। एक बार में 3000 टन की अधिक मात्रा के लिए केवल 27 बोलियां प्राप्त हुई। एफसीआई ने केंद्रीय भंडार, नेफेड और एनसीसीएफ जैसे संस्थानों को 2.5 लाख टन गेहूं आवंटित किया है, ताकि अनाज को आटे में बदला जा सके और अधिकतम खुदरा मूल्य 29.50 रुपए प्रति किलोग्राम पर बेचा जा सके। भारत का गेहूं उत्पादन 2021-22 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में पिछले वर्ष के 109.59 मिलियन टन से गिरकर 106.84 मिलियन टन हो गया है।

Hindi News / Jaipur / सरकार को आया चैन, गेहूं की कीमतें 10 फीसदी तक घटी

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.