कमेटी ने निकायों से यह मांगी जानकारी
-पेट्रोलियम कंपनी की ओर से जारी अनुमोदित मानचित्र में प्रस्तावित पेट्रोल पंप पर स्थापित वेंट पॉइंट, फिल प्वाइंट, डिस्पेंसिंग यूनिट व स्टोरेज टैंक की स्थिति का स्पष्ट अंकन करते हुए संबंधित वरिष्ठ नगर नियोजक की स्पष्ट टिप्पणी भिजवानी होगी।
-भूमि पर प्रस्तावित पेट्रोल पंप के लिए लगाए जाने वाले वेंट पॉइंट, फिल प्वाइंट, डिस्पेंसिंग यूनिट और स्टोरेज टैंक, इनमें से जो भी नजदीक हो, वहां से 50 मीटर की परिधि में मौके की स्थिति की सर्वे रिपोर्ट।
-सर्वे रिपोर्ट पर संबंधित निकाय के आयुक्त या अधिशासी अधिकारी, संबंधित वरिष्ठ नगर नियोजक या उनके प्रतिनिधि और आवेदक अथवा भूमि मालिक के हस्ताक्षर होने चाहिए।
-इससे पता चल सकेगा कि 50 मीटर के दायरे में मौके की स्थिति क्या है।
-पेट्रोलियम कंपनी की ओर से जारी अनुमोदित मानचित्र में प्रस्तावित पेट्रोल पंप पर स्थापित वेंट पॉइंट, फिल प्वाइंट, डिस्पेंसिंग यूनिट व स्टोरेज टैंक की स्थिति का स्पष्ट अंकन करते हुए संबंधित वरिष्ठ नगर नियोजक की स्पष्ट टिप्पणी भिजवानी होगी।
-भूमि पर प्रस्तावित पेट्रोल पंप के लिए लगाए जाने वाले वेंट पॉइंट, फिल प्वाइंट, डिस्पेंसिंग यूनिट और स्टोरेज टैंक, इनमें से जो भी नजदीक हो, वहां से 50 मीटर की परिधि में मौके की स्थिति की सर्वे रिपोर्ट।
-सर्वे रिपोर्ट पर संबंधित निकाय के आयुक्त या अधिशासी अधिकारी, संबंधित वरिष्ठ नगर नियोजक या उनके प्रतिनिधि और आवेदक अथवा भूमि मालिक के हस्ताक्षर होने चाहिए।
-इससे पता चल सकेगा कि 50 मीटर के दायरे में मौके की स्थिति क्या है।
फिर कमेटी तय करेगी
नगर नियोजन विभाग की ओर से यह समस्त जानकारी भिजवाने के लिए संबंधित विकास प्राधिकरण, नगर सुधार न्यास, नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं के आयुक्त व अधिशासी अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। यह जानकारी निकायों से 10 दिन में भेजनी होगी। इस जानकारी के आधार पर स्टेट लैंड यूज चेंज कमेटी यह फैसला कर सकेगी कि कौन से लंबित प्रकरण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के मापदंड पर खरे उतरते हैं।
नगर नियोजन विभाग की ओर से यह समस्त जानकारी भिजवाने के लिए संबंधित विकास प्राधिकरण, नगर सुधार न्यास, नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं के आयुक्त व अधिशासी अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। यह जानकारी निकायों से 10 दिन में भेजनी होगी। इस जानकारी के आधार पर स्टेट लैंड यूज चेंज कमेटी यह फैसला कर सकेगी कि कौन से लंबित प्रकरण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के मापदंड पर खरे उतरते हैं।