अब मुख्यमंत्री सीधे मुलाकात कर रहे हैं कर्मचारी नेताओं से
चुनावी साल को देखते हुए बजट से पहले सरकार के मंत्री कर्मचारी संगठनों की सभाओं में जा रहे थे और बजट में मांगे पूरी करवाने का आश्वासन दे रहे थे। बजट में कई लंबित मांगे पूरी नहीं होने पर कर्मचारी संगठन नाराज हो गए और आंदोलनों की चेतावनी दे दी। अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नाराज कर्मचारी संगठनों और कर्मचारियों को अपने स्तर पर ही साध रहे हैं।
बजट से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्मचारी संगठनों के साथ सीधा संवाद किया था और उनकी लंबित मांगों को बजट में पूरा करने का आश्वासन दिया था। बजट के बाद कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार ने वादा खिलाफी की है और बजट में उनकी लंबित मांगों का जिक्र तक नहीं किया।