मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा जो स्वयं खान मंत्री भी हैं, के मार्गदर्शन में नई सरकार बनते ही विभाग लगातार एक्शन मोड पर आ गया है। पहले 15 दिन का अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान चलाया गया, वहीं मेजर और माइनर ब्लाकों व आरसीसी ईआरसीसी ठेकों की नीलामी जारी है।
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खान सचिव आनन्दी ने बताया कि करौली के आयरन ओर ब्लॉकों की ई-नीलामी में हिस्सा लेने के इच्छुक प्रतिभागी 15 मार्च तक एमएसटीसी पोर्टल से टैण्डर डॉक्यूमेंट अपलोड कर सकेंगे। देश-दुनिया में कहीं से भी ई-नीलामी में हिस्सा लेने के इच्छुक प्रतिभागी 4 अप्रेल को मध्यान्ह एक बजे तक बिड प्रस्तुत कर सकेंगे। इसके बाद 22 अप्रेल को डेडरोली, 23 अप्रेल को खोडा, 24 अप्रेल को लीलोटी और 25 अप्रेल को टोडुपुरा आयरन ओर ब्लॉक की ई-नीलामी होगी।
निदेशक खान भगवती लाल कलाल ने बताया कि विभाग द्वारा करौली आयरन ओर के चारों ब्लॉकों की ई-नीलामी का नोटिस जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध मेंं विभागीय वेबसाइट और भारत सरकार के पोर्टल एमएसटीसी पर विस्तार से जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
भगवती लाल कलाल ने बताया कि विभाग मेजर और माइनर ब्लॉकों की ई-नीलामी का नया रेकार्ड कायम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नीलामी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने से देश दुनिया में कहीं भी बैठा व्यक्ति भारत सरकार के ई पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराकर नीलामी में हिस्सा ले सकते हैं।
आरंभिक एक्सप्लोरेशन में आयरन ओर के मेग्नेटाइट और हेमेटाइट दोनों के ही संकेत मिले हैं। करौली के खोड़ा में 462.3 हैक्टेयर, डेडरोली में 754.38 हैक्टेयर, टोडुपुरा में 260.71 हैक्टेयर और लीलोटी में 410.94 हैक्टेयर क्षेत्र में आयरन ओर के डिपोजिट मिले हैं। एक मोटे अनुमान के अनुसार यहां आयरन ओर के 840 मिलियन टन से अधिक डिपोजिट है। यहां पर चुंबकीय प्रकृति के मेग्नेटाइट और नार्मल प्रकृति के हेमेटाइट आयरन ओर उपलब्ध है। आरएसएमईटी द्वारा ऑक्शन के लिए ब्लॉक तैयार किये गये हैं।
कंपोजिट लाइसेंस के ऑक्शन से इस क्षेत्र में फर्दर एक्सप्लोरेशन से आयरन ओर के और अधिक डिपोजिट्स मिलने की संभावना है। करौली में आयरन ओर मिलने से आने वाले समय में प्रदेश में स्टील व सीमेंट उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। आयरन ओर से स्टील उद्योग के साथ ही कोल वाशिंग, फेरोअलॉय, फाउण्ड्रीज, सेरेमिक और सीमेंट उद्योग सहित अनेक उद्योगों को वर्षों तक कच्चा माल प्राप्त हो सकेगा व प्रदेश में इन उद्योगों में निवेश और नए उद्योग लगने के साथ ही रोजगार और आय के अवसर विकसित होंगे। राजस्थान में आयरन ओर संभावित डिपोजिट के लिए जयपुर, झुन्झुनू, भीलवाड़ा, सीकर, अलवर आदि में खनन और एक्सप्लोरेशन कार्य जारी हैं।
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