जानकारी के अनुसार रविवार डिडवाना में रेल सुरंग के छोर पर पहुंचने पर ब्लास्ट लेस्ट ट्रैक पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाया गया। फिर सभी अधिकारियोंं ने पूजा अर्चना करते हुए नारियल फोड़ा। इसके बाद इंजन सुरंग में सीटी बजाते हुए गुजरा और लालसोट रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। कुछ देर बाद यहां से इंजन अपनी फुल स्पीड के साथ दौसा की ओर रवाना हुआ। लालसोट से डिडवाना तक इंजन 120 किमी की रफ्तार एवं डिडवाना से दौसा तक 100 किमी की रफ्तार से दौड़ा। ट्रायल से पूर्व दौसा से लालसोट आने के दौरान कम स्पीड पर इंजन चला कर ट्रैक की मजबूती को भी चैक किया गया। स्पीड ट्रायल के दौरान इंजन ने लालसोट से दौसा की दूरी 45 किमी मात्र 29 मिनट में नाप डाली।
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उत्तर पश्चिमी रेलवे के चीफ इंजीनियर निर्माण गगन गोयल ने भी ट्रैक का ट्रॉली से निरीक्षण किया। उत्तर पश्चमी रेलवे के मुख्य जनसंंपर्क अधिकारी शशिकिरण ने बताया कि रेल संरक्षा आयुक्त 7 मार्च की सुबह 9 बजे दौसा-गंगापुर रेल परियोजना पर डिडवाना से लालसोट के बीच निरीक्षण करेंगे। 8 मार्च को दौसा से डिडवाना तक निरीक्षण करेंगे। रेलवे का प्रयास है कि सेफ्टी क्लियरेंस मिलने के बाद इस ट्रैक पर नियमित रेल संचालन किया जाए।
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