बीकानेर जिले तीन सोलर पार्क स्थापित होंगे
बीकानेर जिले में एक-एक हजार मेगावाट के दो तथा 450 मेगावाट का एक सोलर पार्क स्थापित किया जाएगा। पहले सोलर पार्क के लिए पूगल तहसील के ग्राम सूरासर में लगभग 1881 हैक्टेयर भूमि आवंटन को मंजूरी दी गई है। इसी तरह एक हजार मेगावाट के दूसरे सोलर पार्क के लिए 2 हजार हैक्टेयर भूमि आवंटित की जाएगी जिसमें से 1194 हैक्टेयर भूमि सूरासर तथा लगभग 807 हैक्टेयर भूमि ग्राम भणावतावाला में स्थित है। यह भी पढ़ें – हनुमान बेनीवाल ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री पर साधा निशाना, बोले – NEET Exam में बड़े स्तर पर हुई है गड़बड़ी, CBI जांच हो तीसरे सोलर पार्क की स्थापना ग्राम सरदारपुरा में होगी
इसी प्रकार बीकानेर जिले में ही 450 मेगावाट के तीसरे सोलर पार्क की स्थापना के लिए छत्तरगढ़ तहसील के ग्राम सरदारपुरा में 900 हैक्टेयर भूमि आवंटन को मंजूरी दी गई है। ये सोलर पार्क राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के नवीन एवं नवीकरणीय मंत्रालय (केन्द्र सरकार) की सौर पार्क योजना के अन्तर्गत 3 चरणों में विकसित किए जाएंगे।
एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड को फलौदी के ग्राम भड़ला में की भूमि आवंटित
सीएम भजनलाल शर्मा ने इसके साथ ही एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड को 500 मेगावाट सोलर प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए फलौदी जिले की बाप तहसील में ग्राम भड़ला में 910 हैक्टेयर भूमि आवंटन को मंजूरी दी है।
स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर होंगे सृजित – सीएम भजनलाल
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इन सोलर प्रोजेक्ट्स के माध्यम से राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का हमारा संकल्प साकार होगा। ये प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होने के साथ ही क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी।
33 प्रतिशत अनुदान मिलेगा, अगले 2 वर्ष में होगा पूरा
सीएम शर्मा ने कहा कि ये सोलर प्रोजेक्ट्स पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएंगे और सालाना लगभग 2 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। इन सोलर पार्क्स में अत्याधुनिक सौर पैनल्स और ग्रिड टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा, जिससे ऊर्जा उत्पादन की क्षमता में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश में लगभग 10 हजार करोड़ का निवेश भी होगा। एमएनआरई अनुमोदित परियोजना होने से 33 प्रतिशत अनुदान मिलेगा तथा अगले दो वर्ष में पूरा किया जा सकेगा।