राजस्थान की राजधानी जयपुर की बात करें तो करीब पांच हजार से अधिक टैक्सी बाइक का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा करीब दो हजार बाइक फर्जी तरीके से कैब वाहन के रूप में इस्तेमाल की जा रही हैं। परिवहन आयुक्त मनीषा अरोड़ा का कहना है कि एडवाइजरी के आधार पर प्रदेश में भी इसे जल्द लागू कर दिया जाएगा।
एमवी अधिनियम के अनुसार अनुबंध वाहन को एक समझौते के तहत यात्री किराए पर ले जा सकते हैं। वाहन को एक तय कीमत पर तय दूरी या समय के आधार पर बुक किया जाता है। समझौते के बाद वाहन अन्य यात्रियों का बीच रास्ते परिवहन नहीं कर सकता। प्रदेश में अभी तक बस और चार पहिया छोटे वाहनों को अनुबंध के तौर पर बुक किया जाता है।
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बजट घोषणा के तहत प्रदेश में अब परिवहन विभाग ने पंजीयन वाले जिले में फिटनेस की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। नए आदेश के तहत वाहन मालिक अब किसी भी जिले में वाहनों की फिटनेस करा सकेंगे। विभाग की ओर से जारी आदेश के तहत जिस जिले में वाहन पंजीयन हैं, उसी जिले में संचालित फिटनेस सेंटर पर फिटनेस कराना अनिवार्य था। अगर किसी जिले में फिटनेस सेंटर नहीं है तो वाहन मालिक उस जिले के आरटीओ.डीटीओ कार्यालय में फिटनेस करा सकेंगे। फिटनेस की अनिवार्यता खत्म होने के बाद अब प्रदेश के सभी वाहन मालिकों को फायदा होगा।
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