सम्मान के लिए करना होगा यह काम
अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) अखिल अरोड़ा ने बताया कि योजना के लिए सम्पूर्ण बजट समर्पित सड़क सुरक्षा कोष से वहन किया जाएगा। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को समय से राज्य के सरकारी व निजी अस्पताल में पहुंचाने वाले भले व्यक्ति इस योजना से लाभान्वित होंगे। घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाला भला व्यक्ति अगर स्वेच्छा से अपनी पहचान देता है और योजना का लाभ लेने को तैयार होता है, तब उसे कुछ काम करना होगा। अस्पताल के इमरजेंसी रूम में कार्यरत केजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर उसका नाम, उम्र, लिंग, पता, मोबाइल नम्बर, पहचान पत्र, बैंक खाता संख्या, आईएफएससी कोड, एमएलसी नंबर इत्यादि परिशिष्ट-1 में अंकित करेगा। यह भी पढ़ें – Rajasthan News : राजस्थान के 20 निजी नर्सिंग शिक्षण संस्थानों ने नहीं किया INC में आवेदन, स्टूडेंट्स परेशान मददगार को दिया जाएगा दस हजार रुपए एवं प्रशस्ति पत्र
कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर के अलावा घटना के समय घटनास्थल अथवा चिकित्सालय में मौजूद सम्बन्धित थानाधिकारी/उपखण्ड मजिस्ट्रेट भी एनेक्जर-I में सूचना अंकित करेगा। यह भी निर्देश जारी किए गए हैं कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को निकटतम के चिकित्सा संस्थान में पहुंचाने वाले भले व्यक्ति के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाए। ऐसे भले व्यक्ति को उसकी इच्छानुसार तत्काल
अस्पताल छोड़ने की अनुमति दी जाए। यदि घायल व्यक्ति, गंभीर श्रेणी का है तो उसकी मदद करने वाले भले व्यक्ति को दस हजार रुपए एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
अधिक व्यक्ति होने पर पुरस्कार की राशि समान रूप से बांटेगी
एक से अधिक भले व्यक्ति होने की स्थिति में सभी को प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार राशि समान रूप से विभाजित कर दी जाएगी। गंभीर घायल व्यक्ति से तात्पर्य है कि घायल जिसे उपचार के लिए तुरन्त अथवा रैफर करने पर भर्ती करने की आवश्यकता हो। इसका निर्णय कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर के विवेकानुसार किया जाएगा। यदि घायल व्यक्ति, सामान्य घायल की श्रेणी के अंतर्गत आता है तो उसको अस्पताल पहुंचाने वाले भले व्यक्ति को केवल प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
इनको नहीं मिलेगा इस योजना का लाभ
अस्पताल प्रशासन/उपखण्ड मजिस्ट्रेट अथवा थानाधिकारी भले नागरिक को पुरस्कार राशि एवं/अथवा प्रशस्ति पत्र दिए जाने की अनुशंषा निदेशक (जन स्वास्थ्य), चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य सेवाएं, जयपुर को तीन दिवस के भीतर ई-मेल के माध्यम से संलग्न परिशिष्ट-II में भेजी जाएगी। निदेशक (जन स्वास्थ्य), चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य सेवाएं, जयपुर से अनुशंषा प्राप्त होने पर दो कार्यदिवस के भीतर ही भले व्यक्ति के खाते में पुरस्कार राशि सीधे ही (डी.बी.टी.) स्थानान्तरित की जाएगी। प्रशस्ति पत्र भले व्यक्ति के पते पर स्पीड पोस्ट के माध्यम से अथवा ई-सर्टिफिकेट ईमेल या वॉट्सएप के जरिए प्रेषित किया जाएगा। प्रशस्ति पत्र को मुख्यमंत्री आयुष्मान जीवन रक्षा योजना पोर्टल से ऑनलाइन डाउनलोड भी किया जा सकेगा। 108 एंबुलेंस, 1033 एंबुलेंस, निजी एंबुलेंस के कर्मचारियों, पीसीआर वैन एवं ड्यूटी पर तैनात पुलिस कार्मिकों तथा घायल व्यक्ति के सगे-संबंधियों को इस योजना का लाभ देय नहीं होगा। यह भी पढ़ें – Rajasthan News : संविदाकर्मी को भी मैटरनिटी लीव मिलेगी, सिविल सर्विसेज ट्रिब्यूनल ने दिया आदेश प्रति वर्ष 5 करोड़ रुपए किए जाएंगे अग्रिम आवंटित
योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए समर्पित सड़क सुरक्षा कोष का एक भाग शासन सचिव, चिकित्सा एव स्वास्थ्य विभाग के अधीन किया जाएगा। शासन सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा निदेशक (जन स्वास्थ्य) चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य सेवाएं, जयपुर को बजट अग्रिम आवंटित किया जाएगा। योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रति वर्ष राशि 5 करोड़ रुपए सड़क सुरक्षा कोष से निदेशक, जन स्वास्थ्य विभाग को अग्रिम आवंटित किए जाएंगे। यह राशि व्यय होने पर आवश्यकतानुसार एवं वित्त विभाग के निर्देशानुसार सड़क सुरक्षा कोष से अतिरिक्त राशि उपलब्ध करवाई जाएगी, जिसके लिए पृथक से अन्य किसी स्वीकृति की आवश्यकता नहीं रहेगी।
योजना के दुरुपयोग पर होगी कड़ी कार्रवाई
जिला स्तर पर योजना के संबंध में किसी भी शिकायत का निवारण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के शिकायत प्राप्त होने के 15 दिवस में किया जाएगा। प्रकरण का निवारण नहीं होने की स्थिति में संयुक्त निदेशक, (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) संभागीय स्तर पर अंतिम अपीलीय प्राधिकारी होंगे। किसी अस्पताल द्वारा योजना का दुरुपयोग करने संबंधी शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित जिला कलक्टर या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा उस अस्पताल के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।