नॉवेल की शैली आंशिक रूप से आत्मकथा उपन्यास कही जा सकती है जिसमे गौरव ने अपनी भारत और कनाडा में अब तक की बिताये जाने वाली ज़िंदगी को रोचक ढंग से याद किया है। गौरव वर्ष 2015 में भारत से कनाडा पढाई करने आये थे। इस पुस्तक से पहले वे तीन पुस्तकें लिख चुके हैं।
वर्ष 2014 में गौरव की तीसरी पाठ्य पुस्तक, डेवलपमेंट एंड कम्युनिकेशन मोर्फोसिस को वरिष्ठ पत्रकार अभिज्ञान प्रकाश ने नई दिल्ली में हुए विश्व पुस्तक मेले में लॉन्च किया था। गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता एवं जान संचार में स्नातक और कनाडा के लंगारा महाविद्यालय से बिज़नेस में स्नातकोत्तर करने के बाद गौरव का विचार अब पूर्ण रूप से लिखने का ही है।
‘गॉन आर द डेज’ उनकी पहली नॉवेल और चौथी किताब है। ‘गॉन आर द डेज’ भारत और विदेशो के कई प्रमुख ब्लॉग्स, वेबसाइट्स और सोशल मीडिया पर छायी हुई है। अभी हाल ही में डेक्कन क्रॉनिकल ने उनकी किताब के बारे में विशेष रूप से टिप्पणी करते हुए कहा की गौरव के लिखने की शैली पाठक को विचित्र रूप से और जानने के लिए उत्सुक बनती है। अब गौरव अपने दूसरे उपन्यास को लिख चुके हैं और प्रकाशक की तलाश में हैं। इनकी ये नॉवेल एक ऐतिहासिक कथा है।