कई इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट सोने में निवेश न करने के लिए कहते हैं। वो कहते हैं कि यह एक डेड एसेट है, जो आपको नियमित आय नहीं देता है, जबकि कुछ कम से कम 10 से 15 फीसदी सोने को अपने पोर्टफोलियो का हिस्सा बनाने को कहते हैं। उनका तर्क है कि यह एक साफ-सुथरा डायवर्सिफायर है। जब दूसरे एसेट महंगाई के खिलाफ हेज के रूप में काम नहीं करते तब सोना काम आता है। ये लंबे समय में अच्छा रिटर्न भी देता है। भारतीय परिवार के पास अपनी संपत्ति का लगभग 11 फीसदी सोने के रूप में है।
24 कैरट वाले गोल्ड को प्योरेस्ट गोल्ड कहते हैं। इसमें किसी प्रकार की दूसरे धातु की मिलावट नहीं होती है। इसे 99.9 फीसदी शुद्धता का गोल्ड कहा जाता है। वहीं, 22 कैरेट के गोल्ड में 91.67 फीसदी प्योर गोल्ड और 8.33 फीसदी दूसरे धातु होते हैं।
धनतेरस और दिवाली पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। कई लोग इस दिन सोना खरीदकर निवेश की औपचारिक शुरुआत भी करते हैं। अगर आप भी धनतेरस या दिवाली पर सोना खरीदने या इसमें निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो इन 4 बातों का ध्यान जरूरी रखें।
हमेशा हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। साथ में प्यूरिटी कोड, टेस्टिंग सेंटर मार्क, ज्वैलर का मार्क और मार्किंग की डेट भी जरूर देख लें।
सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है। यह भी पढ़े: आनलाइन कारोबार से बिगड़ रही है खुदरा बाजार की सेहत
ठगी से बचने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि सोना हमेशा भरोसेमंद ज्वेलर से ही खरीदें। ऐसे ज्वेलर्स टैक्स जैसे वैधानिक अनिवार्यता का सही तरीके से पालन करते हैं। चूक होने पर उन्हें ब्रांड वैल्यू गिरने की चिंता रहती है।