शुरुआत में उदयपुर डेयरी ने जयपुर डेयरी को 50 कार्टन भेजे थे। कुछ दिनों बाद लोगों की डिमांड बढ़ी तो 100 कार्टन मंगवाने शुरू कर दिए। प्रत्येक कार्टन में 200 मिलीलीटर की एक दर्जन बोलत आती थी। 15 दिन बाद अचानक डेयरी बूथों पर दूध की सप्लाई बंद कर दी गई। सूत्रों के मुताबिक डेयरी ने बकरी के दूध को बेचने में कोई रूचि नहीं दिखाई। इधर जयपुर डेयरी प्रशासन का कहना है डिमांड कम होने से दूध बंद करना पड़ा। वहीं डेयरी बूथ संचालकों ने कहा कि डेंगू जैसी बीमारियों में फायदेमंद होने से लोगों ने दूध खरीदना शुरू किया था, लेकिन डेयरी ने बंद कर दिया।
यूं बढ़ी डिमांड चिकित्सकों के मुताबिक बकरी का दूध शिशु के लिए फायदेमंद माना गया है। इस दूध को पीने से हड्डियां मजबूत होती है और इम्यून सिस्टम भी बढ़ता है। खासकर डेंगू ( Dengu ) रोग में काफी फायदेमंद होता है। यह प्लेटलेट्स और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसलिए इसकी डिमांड थी।