फार्मूूेले पर मंथन— सूत्रों के अनुसार कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने एक फार्मूला भी सीएम गहलोत को दिया बताया। इस फार्मूले में पायलट कैंप के कुछ समर्थक विधायकों को मंत्री बनाने और राजनीतिक नियुकितयों में शामिल करने का बिंदु है। इससे पहले कल रात को भी दोनों नेताओं में इन मुददों को लेकर मंथन हुआ था। आज दुबारा से यह विचार विमर्श हुआ है। राजस्थान में ढाई साल सरकार को बने हुए हो गया है और उसके बाद एक बार भी मंत्रिमण्डल विस्तार या बड़ी राजनीतिक नियुकितयां नहीं हुई है। पायलट कैंप लगातार दबाव बना रहा हैं कि उनकी मांगों को पूरा किया जाए। माना जा रहा है कि गहलोत सरकार में से करीब छह मंत्रियों को हटाया जा सकता है और उनके स्थान पर करीब 13 नए मंत्री बनाए जा सकते है। इनमें पायलट कैंप के 4 मंत्री भी बनने के आसार है। इनमें दो कैबिनेट और दो राज्य मंत्री बनाए जा सकते है।
पायलट ने की थी मंत्रणा— पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कल अपने कुछ विधायकों और नेताओं के साथ निवास पर मंत्रणा की थी और उसमें माकन से मिलने और अपनी बात रखने को लेकर विचार विमर्श किया और नई रणनीति भी बनाई गई थी। विधायक वेद सोलंकी, राकेश पारीक, पूर्व विधायक दर्शन सिंह गुर्जर, नसीम अख्तर, विक्रम सिंह गुर्जर आदि ने पायलट से मुलाकात की थी, हालांकि कल माकन और पायलट के बीच मुलाकात नहीं हुई थी।
पीसीसी की बैठक में उठे मुद्दे— अजय माकन ने कल पीसीसी की बैठक ली थी। इस बैठक में मुख्य रूप से कांग्रेस के आंदोलन को लेकर विचार विमर्श हुआ था लेकिन कुछ नेताओं ने बैठक में अपना विरोध दर्ज कराया। इनमें संगठन और सरकार में नियुक्तियों को लेकर इनमें नाराजगी है। चाकसू विधायक और पायलट समर्थक वेद प्रकाश सोलंकी ने इसकी शुरूआत की लेकिन माकन ने उन्हें यह कहकर रोक दिया कि अलग से बात कर लेेगे।
परिवार वाद को लेकर साधा निशाना— बैठक में महिला कांग्रेस अध्यक्ष रेहाना रियाज ने कहा कि जिलाध्यक्ष नियुक्त करते समय ध्यान रखा जाए कि एक ही परिवार को बार-बार मौका ना मिले। रेहाना का इशारा मंडेलिया परिवार की ओर था। वहीं प्रदेश उपाध्यक्ष व विधायक रामलाल जाट ने कहा था कि कार्यकर्ताओं का जोश ठंडा पड़ता जा रहा है। जल्द ही जिला व ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति करें।