इस आंदोलन में कांग्रेस के दिग्गज नेता, कार्यकर्ता और समर्थक बड़ी संख्या में शामिल हुए। लंबे समय बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा एक साथ मंच पर नजर आए।
कांग्रेस का केंद्र पर हमला
धरने में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, और कई बड़े नेताओं ने भाग लिया। इस दौरान डोटासरा ने कहा कि हम जनता के मुद्दों पर चुप नहीं बैठेंगे। केंद्र सरकार की विफलताओं और पूंजीपतियों को दिए जा रहे संरक्षण के खिलाफ कांग्रेस सड़क से संसद तक विरोध करेगी। यह भी पढ़ें
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सचिन पायलट केंद्र को जमकर घेरा
पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि देश की संपत्ति चुनिंदा लोगों के हाथ में सौंपी जा रही है। यह स्थिति देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रही है। हम उद्योगपतियों के विरोधी नहीं हैं, लेकिन सार्वजनिक संसाधनों को औने-पौने दाम पर बेचने का विरोध करते हैं। वहीं, पायलट ने मणिपुर हिंसा पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मणिपुर में हालात बेहद खराब हैं। वहां गोलियां चल रही हैं, लेकिन सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। प्रधानमंत्री को वहां जाकर समस्या का समाधान करना चाहिए।
कांग्रेस ने हमेशा देश को एकजुट रखा- जूली
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि कांग्रेस ने देश को आजादी दिलाई और संविधान को मजबूत किया। आज हमारे पड़ोसी देशों की हालत देखिए, लेकिन भारत में लोकतंत्र और संविधान ने देश को एकजुट रखा है। उन्होंने कहा कि समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता। जनता भाजपा सरकार की सच्चाई समझ चुकी है और कांग्रेस की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। यह भी पढ़ें