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मुख्यमंत्री ने भी कोयला सचिव से की बात
गर्मी बढ़ने और कोयले की कम आपूर्ति की स्थिति में राजस्थान में बिजली संकट हो सकता है। इसी दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फोन पर केंद्रीय कोयला सचिव से बात की। सचिव मीना ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि राजस्थान की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कोयला आपूर्ति के सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। शुभ्रा सिंह ने बताया कि केंद्रीय कोयला सचिव ने आश्वस्त किया है कि वे मुख्य सचिव के हर सुझाव पर होमवर्क कर रहे हैं।
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35 फीसदी तक बढ़ जाएगी बिजली की डिमांड
राजस्थान में गर्मी अपने शबाब पर है और इसने बिजली की डिमांड करीब 35 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। यही वजह है कि कोयले की कमी की वजह से बिजली उत्पादन भी प्रभावित हो जाएगा। मोटे अनुमान के तौर पर राजस्थान में 27 रैक कोयले की रोज जरूरत होती है, जबकि 18 से 20 रैक ही मिल पा रहा है। राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड की असेसमेंट रिपोर्ट में साल 2022-23 में प्रदेश में बिजली की पीक आवर्स में डिमांड 17,757 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। जबकि राज्य में उपलब्ध कोयले की क्षमता के आधार पर उत्पादित होने वाली बिजली 12,847 मेगावाट ही रहने का अनुमान है। इस आधार पर राज्य को 5 हजार मेगावाट बिजली की कमी हो सकती है।
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घट रहा है बिजली प्रोडेक्शन
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ने साल 2020-21 में 29,141 मिलियन यूनिट बिजली प्रोडक्शन किया था। 2021-22 में बढ़ोतरी के साथ 34,287 मिलियन यूनिट बिजली प्रोडक्शन पहुंच गया। 2021 में जनवरी से अप्रैल तक 10, 719 मिलियन यूनिट बिजली पैदा की गई। उस वक्त कोयला संकट नहीं था। जबकि 1 जनवरी से 23 अप्रैल, 2022 तक कोयला संकट के बीच 8,890 मिलियन यूनिट बिजली पैदा की गई है। यानी कोयला संकट के कारण 1829 मिलियन यूनिट बिजली प्रोडक्शन घटा है।