जयपुर

सचिन पायलट को CM बनाने की मांग: खिलाड़ी लाल बैरवा के बयान पर मंत्री आंजना का पलटवार

एससी आयोग के चेयरमैन और कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा की ओर से सीएम गहलोत को दिल्ली भेजे जाने और सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के बयान पर कैबिनेट मंत्री उदयलाल आंजना ने पलटवार किया है।

जयपुरAug 30, 2022 / 05:00 pm

firoz shaifi

जयपुर। एससी आयोग के चेयरमैन और कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा की ओर से सीएम गहलोत को दिल्ली भेजे जाने और सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के बयान पर कैबिनेट मंत्री उदयलाल आंजना ने पलटवार किया है। उदयलाल आंजना ने कहा कि खिलाड़ी लाल बैरवा की मंशा क्या है यह तो वही बता सकते हैं लेकिन जिस तरह से वह मीडिया में और सार्वजनिक बयानबाजी करते हैं यह केवल सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए किया जा रहा है।

मंत्री उदयलाल आंजना ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि खिलाड़ी लाल बैरवा को सार्वजनिक बयानबाजी करने की बजाए इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के समक्ष इस बात को रखना चाहिए।साथ ही पार्टी आलाकमान और सोनिया गांधी से भी समय लेकर यह मांग उनके सामने रखनी चाहिए, बजाए मीडिया और सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर इस तरह की बयानबाजी करके पार्टी को नुकसान नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान बाजी से पार्टी को नुकसान होता है।

जोधपुर जिले में कमजोर है बीजेपी:
इधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जोधपुर जिले के प्रस्तावित दौरे पर भी मंत्री उदयलाल आंजना ने निशाना साधा है। मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि बीजेपी हो या कोई और पार्टी जहां जिसको लगता है कि वो कमजोर है वहां पर तैयारियां करते हैं। बीजेपी को लगता है कि वो मुख्यमंत्री गहलोत के गृह जिले जोधपुर में कमजोर है इसलिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जोधपुर जिले के दौरे पर आ रहे हैं। सभी पार्टियां इस तरह अपने दौरे करती है अमित शाह यही सोचते हैं कि किस प्रकार से मुख्यमंत्री के गृह जिले में जीत हासिल कर सके।

अनिवार्य एफआईआर से बढे आंकड़े:
वही एनसीआरबी की ओर से जारी आंकड़ों में रेप के मामले में राजस्थान को नंबर वन के सवाल पर मंत्री आंजना ने कहा कि राजस्थान में क्राइम के आंकड़े इसलिए भी बढे हैं क्योंकि राजस्थान में अनिवार्य एफ आई आर लागू है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्देश दे रखे हैं कि कोई भी फरियादी अगर पुलिस थाने आता है तो उसकी रिपोर्ट दर्ज होनी चाहिए, चाहे बाद में जांच के दौरान मामला झूठा या सच्चा भी पाए जाए तो उस पर एफआर लगा दें लेकिन जब फरियादी आता है तो तुरंत उसकी फरियाद सुननी चाहिए। इस वजह से भी क्राइम के आंकड़े बढे हैं।

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