दरअसल इस बार नाराजगी गहलोत कैंप में बढ़ रही है जो सचिन पायलट कैंप की घर वापसी से नाखुश हैं। विश्वस्त सूत्रों की माने तो पिछले एक माह से अशोक गहलोत के समर्थन में एकजुटता से रह रहे अधिकांश विधायक पायलट कैंप की वापसी से आहत हैं।
जैसे ही पायलट कैंप के आलाकमान से मुलाकात होने और फिर से कांग्रेस के साथ रहने की खबर जैसलमेर के सूर्यागढ़ में रह रहे विधायकों तक पहुंची वैसे ही गहलोत कैंप में सन्नाटा छा गया। सूर्यागढ़ से जुड़े सूत्रो की माने तो मुख्यमंत्री समर्थक अधिकांश विधायकों ने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला के समक्ष नाराजगी जताई। देर रात तक प्रदेश प्रभारी पांडे और सुरजेवाला विधायकों की समझाइश करते रहे। दोनों नेता देर रात विधायकों की अलग-अलग बैठकें लेते रहे।
सरकार को संकट में डालने वाले बर्दाश्त नहीं
कांग्रेस विधायकों की माने तो गहलोत समर्थक विधायकों ने प्रदेश प्रभारी और कांग्रेस नेता सुरेजवाला के समक्ष नाराजगी जताते हुए कहा कि जिन लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए सरकार को संकट में डाला, कामकाज का नुकसान हुआ। सरकार में रहते हुए बाड़ाबंदी में रहना पड़ रहा है। बागी विधायकों के कारण हम अपने परिवारों से दूर रहे, इतना कुछ होने के बावजूद ऐसे लोगों का फिर से आना सही नहीं है।
निर्दलीय और बसपा से आए विधायकों में पायलट कैंप की वापसी से नाराजगी
दरअसल पायलट कैंप को लेकर सबसे ज्यादा नाराजगी बाड़ाबंदी में रह रहे 10 निर्दलीय विधाय़कों और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों में हैं। दरअसल इन विधायकों की नाराजगी की एक वजह ये यह भी है कि ये विधायक संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में स्वयं को मंत्री मानकर चल रहे थे, लेकिन पायलट कैंप की वापसी के बाद इनके मंत्री बनाए जाने की संभावना बेहद कम रह गई हैं, क्योंकि सचिन पायलट अपने समर्थकों को मंत्री बनाए जाने के लिए फिर से पूरी ताकत लगाएंगे।