मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण पहले ही सभी की आमदनी कम हुई है और बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की जेब खर्च का हिसाब बिगाड़ दिया है। यह दिखाता है कि केंद्र सरकार बुरी तरह असफल हुई है जिसके पास ना तो सही नीति है और ना ही साफ नियत है। पेट्रोल-डीजल रसोई गैस से लेकर रोजमर्रा के इस्तेमाल की सभी चीजें महंगी होती जा रही है।
गहलोत ने केंद्र सरकार के द्वारा जारी किए गए महंगाई के आंकड़ों पर बात करते हुए कहा कि अप्रैल में खुदरा महंगाई 4. 23 प्रतिशत पर थी जो मई में बढ़कर 6.30 प्रतिशत हो गई है। वही थोक महंगाई दर मई में बढ़कर रिकॉर्ड 12. 94 फ़ीसदी हो गई है इसी प्रकार मई में खाद्य महंगाई 1. 96 से बढ़कर 5.01 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई है। यह दिखाता है कि बाजार में आम आदमी के इस्तेमाल की वस्तुओं की कीमतें किस तेजी से बढ़ी है। 1 लीटर सरसों के तेल की कीमत 180 190 रुपए तक पहुंचना आम आदमी से भोजन छीनने जैसा है।
1 जुलाई को रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में हुई ₹25 की बढ़ोतरी पर गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 14 महीने में रसोई गैस सिलेंडर के दाम ₹255 बढ़ा दिए हैं। गैस सब्सिडी पूरी तरह बंद हो गई है, इससे आमजन खाना पकाने के लिए सिलेंडर छोड़कर दोबारा कोयला और लकड़ी के इस्तेमाल को मजबूर हो रहे हैं।
यूपीए के समय ₹450 का सिलेंडर मोदी सरकार 838 वह बेच रही है। उज्जवला योजना में सिलेंडर पाने वाले परिवार सरकार को अपना सिलेंडर वापस देना चाहते हैं यह मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों का ही परिणाम है।