कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री व विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा को अब राजस्थान का प्रभारी बनाया गया है। छत्तीसगढ़ का प्रभारी महासचिव कुमारी शैलजा और हरियाणा में शक्ति सिंह गोहिल को मनोनीत किया। कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोमवार देर रात को इसके आदेश जारी किए।
विधायकों ने ली बलि
राजस्थान में सियासी घमासान के चलते 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक का गहलोत गुट के विधायकों ने बहिष्कार किया था। तत्कालीन प्रभारी महासचिव अजय माकन ने इसकी रिपोर्ट आलाकमान को दी। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचेतक महेश जोशी व आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
कार्रवाई नहीं होने से थे आहत
संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचेतक महेश जोशी व आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ ने नोटिस का जवाब भी दे दिया। इसके बाद भी अनुशासन समिति ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में माकन ने खरगे को पत्र लिखकर राजस्थान के प्रभार से मुक्त होने का आग्रह किया। अब खरगे ने माकन के इस आग्रह को स्वीकार कर रंधावा को यह जिम्मेदारी सौंप दी है।
रंधावा के सामने चुनौती अपार
राजस्थान से इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा गुजर रही है। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट गुट के बीच कलह जगजाहिर है। राजस्थान में सरकार रिपीट नहीं होने की परंपरा है। इस परंपरा को 2023 में तोड़ने की चुनौती है। इससे निपटना रंधावा के लिए आसान नहीं होगा।
माकन हारे चुनाव, विवेक की हुई छुट्टी
गौरतलब है कि हरियाणा में आपसी कलह के चलते राज्यसभा चुनाव में अजय माकन की हार कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग के चलते हुई। इस कारण विवेक बंसल भी यहां के प्रभारी का पद छोड़ चुके हैं।