देवेंद्र सिंह / जयुपर. गंगा मैया का स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरण दिवस गंगा दशहरा पर्व जेष्ठ शुक्ल दशमी, 16 जून को मनाया जाएगा। इस बार गंगा दशहरा स्र्वार्थसिद्धि, अमृत सिद्धि एवं रवि योग के संयोग के साथ मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून को रात 2.32 बजे शुरू होगी और यह तिथि 17 जून को सुबह 4.40 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार 16 जून रविवार को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र सुबह 11:13 बजे तक रहेगा और उसके बाद चित्रा नक्षत्र शुरू हो जाएगा।
बन रहे हैं ये शुभ संयोग इस बार गंगा दशहरे के दिन गंगा अवतरण के उन 10 योग में से छह योग घटित हो रहे हैं। इनमें जेष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, हस्त नक्षत्र, गर करन, कन्या का चंद्रमा के योग ही निर्मित हो रहे है। इसके साथ ही इस दिन खरीदारी व पूजा के लिए श्रेष्ठ सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग एक साथ बन रहे हैं। इन दोनों योग का निर्माण सुबह 05 बजकर 23 मिनट से हो रहा है, जो सुबह 11 बजकर 13 मिनट तक है। इसके अलावा, रवि योग का भी संयोग गंगा दशमी पर बन रहा है। इस योग में गंगा स्नान के साथ दान-पुण्य करने से कष्टों से मुक्ति और गृह दोष शांत होते हैं। इन योगों में पूजा करने से दोगुना फल प्राप्त होता है। इस दिन वरीयान योग का निर्माण भी हो रहा है। इस योग का निर्माण रात्रि 9 बजकर 03 मिनट तक हो रहा है। ज्योतिषी वरीयान योग को शुभ मानते हैं। इस योग में दान-पुण्य करने से व्रती को अमोघ फल की प्राप्ति होती है।
इन 10 संयोग में अवतरित हुई थी मां गंगा गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थी उस समय 10 योग निर्मित हुए थे। गंगा अवतरण के समय ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, बुधवार, हस्त नक्षत्र, व्यातिपात योग, गर करन, कन्या का चंद्रमा, वृष का सूर्य और आनंद योग बने थे।
खरीदारी व निवेश करना रहेगा शुभ गंगा का अवतरण हस्त नक्षत्र में हुआ था। इस साल गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग बन रहा है। इसके कारण गंगा दशहरा के पुण्यकाल का महत्व और अधिक बढ़ गया है। इस दिन को संवत्सर का मुख माना गया है। इस दिन सोना-चांदी, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, वाहन,भूमि-भवन आदि खरीद करना बहुत ही शुभ रहेगा।
ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेश शास्त्री