Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी का त्योहार न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है। यह दिन सनातन धर्म के लोगों के लिए बहुत खास है। इस दिन भगवान गणेश के मंदिर में विशेष पूजा की जाती है।आइए जानते हैं राजस्थान के पांच मंदिरों के बारे में।
•Sep 16, 2023 / 04:59 pm•
Nupur Sharma
त्रिनेत्र मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में रणथंभौर के राजा हमीर ने करवाया था।
त्रिनेत्र मंदिर की मूर्ति स्वयंभू है अपनी पत्नियों रिद्धि-सिद्धि और पुत्र शुभ-लाभ के साथ विराजमान है।
गढ़ गणेश: देश का एकमात्र मंदिर है जहां भगवान गणेश बिना सूंड के विराजमान हैं।
गढ़ गणेश मंदिर में भगवान गणेश का बाल स्वरूप की प्रतिमा विराजमान है।
मोती डूंगरी की मूर्ति सन 1761 में जयपुर के राजा माधो सिंह प्रथम की रानी के पीहर मावली से लाई गई थी।
नगर सेठ पल्लीवाल ने मूर्ति को लेकर आये थे और उन्हीं की देखरेख में स्थापित हुई थी।
सिद्धेश्वर गणेश मंदिर 300 वर्ष से अधिक पुराना है।
सिद्धेश्वर गणेश मंदिर में गणपति की मूर्ति की सूंड दाहिनी ओर है, जिनके दर्शन शुभ माने जाते हैं।
देशभर में 'इश्किया' गजानन मंदिर के नाम से ज्यादा मशहूर है।
इश्किया गजानन मंदिर की मूर्ति कमला नेहरू नगर क्षेत्र में गुरु का तालाब में खुदाई के दौरान मिली थी।
Hindi News / Photo Gallery / Jaipur / Ganesh Chaturthi 2023: राजस्थान के पांच चमत्कारी गणेश मंदिर, दर्शन मात्र से पूरी होती हैं मनोकामनाएं, देखें तस्वीरें