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मंत्री दिलावर ने कहा कि इन जातियों की पूर्व में बहुत उपेक्षा हुई है। ये हमारे प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण जातियां हंै। इनकी देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इन्होंने क्रान्तिकारियों का भी सहयोग किया है। सरकार की मंशा है कि इनके बलिदान का इनको यथोचित अधिकार मिलना चाहिए। इनके पूर्वजों का उपकार मानना चाहिए। इनके पास आवासीय भूखंड नहीं है और घूम-घूमकर अपनी आजीविका चलाते हैं। इन्हें आवासीय भूखंड मिलने चाहिए।
जाति प्रमाणपत्र के बारे में कहा कि इसमें संशोधन करने के लिए परफॉर्मा दिया गया है। जिसे तहसीलदार द्वारा सत्यापित करने के बाद जाति प्रमाणपत्र के बजाय जाति पहचान प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
मंत्री दिलावर ने कहा कि इन जातियों की पूर्व में बहुत उपेक्षा हुई है। ये हमारे प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण जातियां हंै। इनकी देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इन्होंने क्रान्तिकारियों का भी सहयोग किया है। सरकार की मंशा है कि इनके बलिदान का इनको यथोचित अधिकार मिलना चाहिए। इनके पूर्वजों का उपकार मानना चाहिए। इनके पास आवासीय भूखंड नहीं है और घूम-घूमकर अपनी आजीविका चलाते हैं। इन्हें आवासीय भूखंड मिलने चाहिए।
जाति प्रमाणपत्र के बारे में कहा कि इसमें संशोधन करने के लिए परफॉर्मा दिया गया है। जिसे तहसीलदार द्वारा सत्यापित करने के बाद जाति प्रमाणपत्र के बजाय जाति पहचान प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
पट्टे पर लाल स्याही से लिखा जाएगा यह अधिकतम 300 वर्गमीटर का पट्टा दिया जाएगा। पट्टे पर लाल स्याही से लिखा जाएगा कि यह खरीदने-बेचने के लिए नहीं है।
उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास रहेगा कि लगभग सभी को नि:शुल्क पट्टा मिले।
उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास रहेगा कि लगभग सभी को नि:शुल्क पट्टा मिले।
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