जयपुर

‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कायम रहेगी, डिजिटल मीडिया संस्थान रखें स्वअनुशासन’

डिजिटल मीडिया आचार संहिता पर वेबिनार में बोले संयुक्त सचिव

जयपुरJul 01, 2021 / 02:59 am

Shailendra Agarwal

Digital Media

जयपुर। डिजिटल मीडिया आचार संहिता से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में कमी नहीं आएगी, लेकिन महिलाओं के आपत्तिजनक व बच्चों के लिए नुकसानदेह कंटेट को रोकना केन्द्र सरकार की जिम्मेदारी है। इसके लिए डिजिटल मीडिया संस्थान को स्वअनुशासन रखना होगा। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विक्रम सहाय ने बुधवार को डिजिटल मीडिया आचार संहिता-2021 को लेकर आयोजित बेबिनार में यह बात कही।
सहाय ने बताया कि पिछले 6 वर्षो में इंटरनेट डेटा का इस्तेमाल 43 प्रतिशत तक बढ़ा है। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आ रही सामग्री को लेकर शिकायते मिल रही थी, जिनको रोकने के लिए डिजिटल मीडिया आचार संहिता बनाई गई है। इसके तहत न्यूज पोर्टल या ओटीटी प्लेटफॉर्म से संबंधित जानकारी ली जा रही है, जो स्वैच्छिक है। उनके रजिस्ट्रेशन का कोई प्रावधान नहीं है। शिकायतों की सुनवाई के लिए पब्लिसर्स को शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्ति करना होगा। इसके अलावा समाचार प्रकाशकों की एक स्वतंत्र संस्था बनेगी। इनके खिलाफ कोई शिकायत करना चाहेगा, तो सुनवाई के लिए अन्तर्विभागीय कमेटी होगी। सहाय ने भ्रांतियां दूर करते हुए स्पष्ट किया कि संहिता में दण्ड का प्रावधान नहीं है, लेकिन आइपीसी के प्रावधान लागू रहेंगे। पत्र सूचना कार्यालय की अपर महानिदेशक डॉ0 प्रज्ञा पालीवाल गौड़ के अनुसार वेबिनार में राजस्थान, मघ्यप्रदेश और छत्तीसगढ के पत्रकारिता व डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़ी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए।

Hindi News / Jaipur / ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कायम रहेगी, डिजिटल मीडिया संस्थान रखें स्वअनुशासन’

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.