राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘पहले NEET परीक्षा और अब इसके रिजल्ट को लेकर अभ्यर्थियों ने गड़बड़ी की आशंकाएं जताई हैं। रिजल्ट में कई बच्चों के एक ही सेंटर से पूरे में से पूरे अंक मिलने, आस पास रॉल नंबर वाले अभ्यर्थियों के टॉप करने समेत ऐसे कई पहलू सामने आ रहे हैं। जिससे परीक्षा में गड़बड़ी की आशंकाओं को बल मिलता है।’
उन्होंने आगे लिखा कि ‘यह लाखों बच्चों के भविष्य एवं मेडिकल प्रोफेशन की क्रेडिबिलिटी का सवाल है। इसलिए केन्द्र सरकार और NTA इसे गंभीरता से लेकर जांच करे एवं सभी के साथ न्याय सुनिश्चित करे।’
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क्या है पूरा मामला, समझें…
सर्वप्रथम मोशन एजुकेशन के संस्थापक व सीईओ नितिन विजय ने एक्स पर बताया कि नीट यूजी परीक्षा में एक प्रश्न चार अंक का था, लेकिन कई विद्यार्थियों के परिणाम में 720 में से 718 व 719 अंक दिए गए है, जो तार्किक रूप से संभव नहीं हैं। विद्यार्थी या तो प्रश्न छोड़ सकता है या प्रश्न गलत कर सकता है। ऐसी स्थिति में उसे 716 अंक प्राप्त होते हैं, लेकिन किसी भी स्थिति में 718 या 719 अंक प्राप्त नहीं हो सकते हैं। साथ ही नीट के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि 67 स्टूडेंट्स ने 720 में से 720 अंक हासिल किए है। वहीं कट ऑफ भी 137 अंकों से बढ़कर 164 अंकों तक पहुंच गई। यह परिणाम अभी तक सबसे हाई स्कोरिंग परिणाम रहा। राजस्थान में सबसे अधिक 11 छात्रों की एआईआर-1 रही। मतलब इन छात्रों का परिणाम 100 फीसदी रहा। जिले लेकर लगातार सोशल मीडिया पर सवाल खड़े किए जा रहे है।
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