इसमें न तो चीरा लगाया जाता है और न ही हड्डी काटी जाती है। पुरानी तकनीक में छाती पर 9-10 इंच तक लंबा चीरा लगाया जाता था, जबकि रोबोट सर्जरी में केवल एक छोटा छेद करके ऑपरेशन पूरा किया जाता है। दो मरीजों के हार्ट की नसों में ब्लॉकेज थे, जिनकी बायपास सर्जरी की गई।
एक मरीज के दिल में बड़ा छेद था, जिसे रोबोटिक सर्जरी से बंद किया गया। तीनों मरीज राजस्थान के निवासी हैं। दिल्ली, बेंगलूरु और मुंबई जैसे महानगरों में पिछले साल से यह तकनीक इस्तेमाल हो रही है। जयपुर में इस नई पहल के साथ, अत्याधुनिक रोबोटिक हार्ट सर्जरी की सुविधा यहीं उपलब्ध होगी।
रोबोट सर्जरी के लाभ
● मरीज का अस्पताल में स्टे कम हो जाता है।● रिकवरी बेहतर होने पर 2-3 दिन में डिस्चार्ज।
● खून का नुकसान बेहद कम।
● खून चढ़ाने की आवश्यकता नहीं होती।
● सर्जरी की सटीकता अधिक।
● पारंपरिक सर्जरी की तुलना में कम समय लगता है।