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यहां करीब 5 हजार व्यापारी स्थाई लाइसेंस वाले हैं। इसमें पारम्परिक आतिशबाजी करने वाले शोरगर भी शामिल हैं। दिवाली पर लगभग 35 हजार अस्थाई लाइसेंस जारी किए जाते हैं। 10 से 15 पटाखा निर्माता यूनिट्स भी हैं। अनुमान है कि प्रदेश में दिवाली के मौके पर करीब 20 लाख लोगों को पटाखा व्यवसाय से रोजगार मिलता है। दिवाली के साथ सालभर होने वाले शादी समारोह को भी शामिल करें, तो यह सालाना करीब 5 हजार करोड़ का करोबार है।
यहां करीब 5 हजार व्यापारी स्थाई लाइसेंस वाले हैं। इसमें पारम्परिक आतिशबाजी करने वाले शोरगर भी शामिल हैं। दिवाली पर लगभग 35 हजार अस्थाई लाइसेंस जारी किए जाते हैं। 10 से 15 पटाखा निर्माता यूनिट्स भी हैं। अनुमान है कि प्रदेश में दिवाली के मौके पर करीब 20 लाख लोगों को पटाखा व्यवसाय से रोजगार मिलता है। दिवाली के साथ सालभर होने वाले शादी समारोह को भी शामिल करें, तो यह सालाना करीब 5 हजार करोड़ का करोबार है।
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देश में सबसे ज्यादा पटाखे बनाने वाली फैक्ट्रियां तमिलनाडू के शिवाकाशी में हैं। यहां सालभर पहले ही पटाखों की बुकिंग हो जाती है। थोक व्यापारी एडवांस पेमेंट कर पटाखे बुक कराते हैं। प्रदेश के व्यापारियों ने दिवाली के लिए एडवांस पेमेंट जमा करा कर पटाखे बुक करा दिए थे।
देश में सबसे ज्यादा पटाखे बनाने वाली फैक्ट्रियां तमिलनाडू के शिवाकाशी में हैं। यहां सालभर पहले ही पटाखों की बुकिंग हो जाती है। थोक व्यापारी एडवांस पेमेंट कर पटाखे बुक कराते हैं। प्रदेश के व्यापारियों ने दिवाली के लिए एडवांस पेमेंट जमा करा कर पटाखे बुक करा दिए थे।