राजस्थान विधानसभा में बजट बहस पर जवाब के दौरान उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने करीब एक घंटे तक विपक्ष पर निशाना साधा और कई नई घोषणाएं भी कीं। दिया कुमारी ने कहा कि यह दूरगामी सोच का बजट है। यह बजट पांच साल का नहीं है। यह बजट विकसित राजस्थान का बजट है। डबल इंजन की सरकार है। अब राजस्थान में काम होंगे। हम इसी सरकार में प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास भी करेंगे और उद्घाटन भी करेंगे। विपक्ष के सदस्य भविष्य में भी वहीं बैठने की आदत डाल लें।
दिया कुमारी ने अपने भाषण के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, गोविन्द सिंह डोटासरा सहित कई सदस्यों पर कटाक्ष किए। नेता प्रतिपक्ष पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि हमने दीर्घकालीन सोच रखते हुए बजट पेश किया है। आप अपनी सरकार में सुझाव दे देते तो प्रदेश की ऐसी वित्तीय स्थिति नहीं होती। आपने तो खजाना ही खाली कर दिया।
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बजट बहस के दौरान महत्वपूर्ण घोषणाएं
- खेतों में 132 केवी या उससे अधिक की हाईटेंशन लाइन के लिए ट्रांसमिशन टावर बेस के साथ चारों ओर एक मीटर तक अतिरिक्त क्षेत्रफल की गणना कर डीएलसी का दोगुना तथा ट्रांसमिशन लाइन के नीचे आने वाले क्षेत्र के लिए डीएलसी की 30 प्रतिशत की दर से मुआवजा।
- 2011 की जनगणना के अनुसार एक हजार से अधिक आबादी वाले राजस्व गांव डामर सड़क से जुड़ेंगे।
- आगामी दो वर्षों में करीब दो हजार करोड़ की लागत से विभिन्न सड़क परियाजनाओं का निर्माण होगा।
- दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित बच्चों को ‘मुख्यमंत्री आयुष्मान बाल सम्बल योजना’ के अंतर्गत प्रतिमाह 5 हजार रुपए।
दिया ने यों पूर्ववर्ती सरकार पर बोला हमला
प्रदेश जब कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा था, तब कांग्रेस सरकार होटलों में बंद थी। अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रदेश को अपने हाल पर छोड़ दिया। कांग्रेस कर्ज लेकर घी पीती रही। उस सरकार में सीएम और डिप्टी सीएम के बीच संवादहीनता थी, जिसके चलते डिप्टी सीएम को मंत्रिमंडल छोड़ना पड़ा।पानी के लिए काम नहीं किया
पिछली सरकार ने पानी के लिए काम नहीं किया। जल जीवन मिशन को लागू नहीं करवा सके और अब कह रहे हैं कि पानी की व्यवस्था तो करो। हमने तो कुछ समय में ही पानी को लेकर बड़े काम किए हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने सिर्फ बिजली खरीद पर ही फोकस किया। बिजली उत्पादन पर ध्यान ही नहीं दिया। राजकोषीय घाटा कांग्रेस ने बढ़ाया: 2017-18 में भाजपा सरकार 3.04 प्रतिशत राजकोषीय घाटा छोड़ कर गई थी, लेकिन पिछली सरकार अनियंत्रित तरीके से घाटा 4.26 प्रतिशत तक ले गई। इसे कम करके हम वित्तीय वर्ष में 3.93 प्रतिशत तक लाने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस की पिछली सरकार ने इतना ऋण लिया, जितना छह दशक की सरकारों ने लिया था।