कृत्रिम मेधा और हिंदी के मेल पर चर्चा
सम्मेलन में विदेश मंत्री जयशंकर, फिजी के राष्ट्रपति काटोनिवेरे, भारतीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा और विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कृत्रिम मेधा यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ हिंदी को उपयोगी बनाने पर चर्चा की। सभी ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम के लिए हिंदी का तकनीकी विकास और सहज उपयोग जरूरी है। हिंदी तभी वैश्विक रोजगार की भाषा बन पाएगी।
गणेश वंदना से गदगद हुए हिंदी प्रेमी
कार्यक्रम के शुभारंभ के बाद फिजी के तरफ से दोनों देशों के स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि के लिए पारंपरिक गणेश वंदना की गई। करीब 40 मिनट तक चले इस अनुष्ठान ने हर किसी का ध्यान आकर्षित किया। विदेश मंत्री जयशंकर ने पूरी तन्मयता से विध्रहर्ता गणेश पूजा को देखा और खुद को गौरवांन्वित महसूस किया। खास बात है कि इस पूजा के दौरान सभी को अपना आसन ग्रण करना जरूरी होता है।
छह किताबों का विमोचन
कार्यक्रम में भारतीय विदेश मंत्री और फिजी के राष्ट्रपति ने छह पुस्तकों का विमोचन किया। इसमें 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के लिए प्रकाशित की जाने वाली विशेष पत्रिका स्मारिका, फिजी का हिंदी साहित्य एक संचयन, हिंदी और भारतीय संस्कृति पर आधारित गगनांचल, विश्व हिंदी पत्रिका, राजभाषा भारती और आरंभिका का विमोचन किया गया।