यूडीएच सलाहकार जी.एस. संधु की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई बैठक में इस पर सहमति बनी। नगरीय विकास विभाग इस संबंध में जल्द आदेश जारी करेगा। दरअसल, प्रदेश में निजी डवलपर्स की ओर से ऐसी कई आवासीय योजना सृजित की गई। लेकिन वास्तव में ऐसे भूखंड ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के लोगों को ही आवंटित किए गए हैं या नहीं, निकायों को इसकी जानकारी है ही नहीं। इस बारे में निकायों से 30 मई तक जानकारी मांगी गई है।
यह है योजना का 3सी मॉडल
जन आवास योजना के 3सी मॉडल में प्रावधान है कि निजी डवलपर अपनी जमीन पर गरीबों के लिए प्लॉटेड योजना सृजित करता है तो उसे कई तरह की छूट दी जाएगी। इसमें 50 फीसदी भूखंड ईडब्ल्यूएस के लिए, 20 फीसदी एलआईजी और बाकी भूखंड एमआईजी-ए वर्ग के आवेदकों को दिए जाने का प्रावधान है।
यह है योजना का 3सी मॉडल
जन आवास योजना के 3सी मॉडल में प्रावधान है कि निजी डवलपर अपनी जमीन पर गरीबों के लिए प्लॉटेड योजना सृजित करता है तो उसे कई तरह की छूट दी जाएगी। इसमें 50 फीसदी भूखंड ईडब्ल्यूएस के लिए, 20 फीसदी एलआईजी और बाकी भूखंड एमआईजी-ए वर्ग के आवेदकों को दिए जाने का प्रावधान है।
यह है आशंका
-भूखंड आवंटन संबंधित विकासकर्ता के स्तर पर ही होता है। भूखंड आवंटन में प्रक्रिया की पूरी पालन की या नहीं?
-क्या निर्धारित श्रेणी वर्ग के पात्र लोगों को ही भूखंड आवंटित किए गए?
-ऐसी कितनी योजना में अब तक कितने भूखंड आवंटित किए?
-भूखंड आवंटन संबंधित विकासकर्ता के स्तर पर ही होता है। भूखंड आवंटन में प्रक्रिया की पूरी पालन की या नहीं?
-क्या निर्धारित श्रेणी वर्ग के पात्र लोगों को ही भूखंड आवंटित किए गए?
-ऐसी कितनी योजना में अब तक कितने भूखंड आवंटित किए?
विकासकर्ता को मिलती है यह छूट
इस योजना के तहत विकासकर्ता को कन्वर्जन चार्ज, बिल्डिंग प्लान स्वीकृति शुल्क व अन्य तरह की छूट मिलती है।
इस योजना के तहत विकासकर्ता को कन्वर्जन चार्ज, बिल्डिंग प्लान स्वीकृति शुल्क व अन्य तरह की छूट मिलती है।