उल्लेखनीय है कि सम्पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर करीबन एक दशक पहले पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा ने आंदोलन आरंभ किया था और गत सरकार के शासनकाल में उन्होंने अनशन करते हुए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था। उनके बलिदान और पूनम छाबड़ा के संघर्ष को देखते हुए बुधवार को अनशनस्थल पर दर्जनों संगठनों के सैकड़ों लोग धरनास्थल पर पहुंचे।
वहां उन्होंने रक्तदान शिविर में भी भाग लिया। इस मौके पर पूनम छाबड़ा ने कहा, सरकार बेशक हमारा खून बेच दे उससे रेवन्यू अर्जित करे। मगर शराब रूपी जहर व अन्य नशे के पदार्थों को बेचना बंद करे, जिससे आने वाली पीढिय़ों का भविष्य बचाया जा सके। देश को बचाना है, इसलिए नशामुक्ति की ओर अग्रसर होना होगा। सशक्त लोकायुक्त से ही भ्रष्टाचार को रोक कर देश के गरीबों को सशक्त कर नया जीवन दिया जा सकता है।