मंडी व्यापारियों का कहना है कि किसान मंडी में सब्जी लेकर पहुंच रहे हैं लेकिन अब डिमांड काफी कम रह गई है। जिस कारण से किसान की सब्जी का खरीददार नहीं मिलने से वह सब्जियों को वापस लेकर जा रहे है। ऐसे में अब किसानों को उनकी मजदूरी और सब्जी के भाव मिलना तो दूर उनको भाड़ा भी जेब से देना पड़ रहा है।
रायथल के किसान मनीष ने बताया कि गत 2 दिनों से आसपास के किसानों की सब्जियों से भरी पिकअप मुहाना मंडी से वापस लौटा दी गई। यह किसान मिर्च और टमाटर लेकर मुहाना मंडी में पहुंचे थे। लेकिन वहां इनका कोई खरीददार नहीं मिलने से आसपास के गांव के किसानों की सब्जी मंडी में गई गाड़ियां वापस ही गांव में लौट आई। इससे काफी नुकसान अब हो रहा है और फसल की लागत निकलना तो दूर भाड़े के पैसे भीे किसान को जेब से देने पड़ रहे है।
मुहाना मंडी के व्यापारियों का कहना है कि इन दिनों सब्जी की खपत आधी से भी कम रह गई है। पहले जहां मंडी में 600 से 800 टन सब्जी की बिक्री होती थी वह अब घटकर के 300 से 400 टन ही रह गई है। जिस कारण से अब किसानों की सब्जी खरीदने में मंडी व्यापारियों को भी परेशानी हो रही है। क्योंकि इन दिनों सब्जियों की बंपर आवक हो रही है लेकिन उसके हिसाब से खरीदार नहीं है। मंडियों में टमाटर, मिर्च, ककड़ी, भिंडी आदि ऐसी सब्जियां हैं जिन्हें ज्यादा दिन तक ना तो किसान अपने खेतों में रख सकता है और ना ही मंडी व्यापारी अपने पास। ऐसे में सब्जियों के खरीददार नहीं मिलने के कारण मंडी से किसानों की गाड़ियों को वापस लौटाया जा रहा है।