जयपुर

फर्जी हथियार लाइसेंस प्रकरण : ऑपरेशन जुबैदा में एटीएस के रडार पर जम्मू-कश्मीर गृह विभाग के कर्मचारी

हैण्डराइटिंग के नमूने एक सप्ताह में मांगे

जयपुरSep 20, 2017 / 10:52 pm

pushpendra shekhawat

जयपुर . राजस्थान एटीएस ने जम्मू-कश्मीर पुलिस से गृह विभाग में तैनात उन अधिकारियों-कर्मचारियों की सूची और उनकी हैण्डराइटिंग के नमूने एक सप्ताह में मांगे हैं, जिनकी तैनाती 2001 के बाद हुई है। एटीएस ने जम्मू-कश्मीर के होम कमिश्नर आरके गोयल को इस संबंध में पत्र भेजा है।
 

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सूत्रों के अनुसार हथियारों के फर्जीवाड़े के इस खेल में गृह विभाग के भी कुछ लोगों के शामिल होने की आशंका है। गौरतलब है कि राजस्थान एटीएस ने मई से लांच किए गए ऑपरेशन जुबैदा के अन्तर्गत 11 सितम्बर को जम्मू के राहुल, पंजाब के अबोहर निवासी विशाल और राजस्थान के जुबेर खान को गिरफ्तार कर गिरोह का भंडाफोड़ किया था। यह मोटी रकम लेकर लोगों को हथियारों के फर्जी लाइसेंस मुहैया कराता था।
 

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दिल्ली पुलिस ने 2013 में जताया था अंदेशा, कलक्टरों से मांगी रिपोर्ट
गिरोह के खुलासे के बाद राजस्थान सहित पंजाब, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली पुलिस के भी कान खड़े हो गए हैं। जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग ने प्रदेश के जिला कलेक्टरों से उन लोगों का पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराने और तस्दीक कराने को कहा है, जिन्होंने अपने लाइसेंस को ऑल इंडिया लाइसेंस में परिवर्तित कराने के लिए अनुरोध पत्र दिया था।
 

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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 2013 में ही जम्मू-कश्मीर पुलिस को लाइसेंस के फर्जीवाड़े के बारे में सूचना दे दी थी। इसमें कहा था कि डोडा और रामबन जिले में सुरक्षाबलों के नाम पर फर्जी और बोगस लाइसेंस बनवाए गए हैं। जांच में भी इसकी तस्दीक हुई है। इससे पूर्व 11 सितम्बर 2012 को जारी सर्कुलर में भी दिल्ली पुलिस ने कहा था कि जिन लोगों को लाइसेंस जारी किए गए, उनमें से कई के बारे में पता चला कि वे सुरक्षाबल में शामिल नहीं हैं बल्कि दिल्ली पुलिस के रिकॉर्ड में उनका नाम बतौर अपराधी दर्ज है।
 

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बैकडेट में बनाए लाइसेंस
सूत्रों की मानें तो जम्मू-कश्मीर में लाइसेंस बनवाने की बड़ी वजह यह थी कि वह आतंक प्रभावित राज्य है इसलिए वहां असलाह के लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया अन्य राज्यों से अलग है। इन लाइसेंस को बैकडेट में (2008 से पूर्व) बनवाया गया क्योंकि हाल ही वहां भी लाइसेंस की प्रक्रिया मुश्किल हुई है।

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