पाटकर ने कहा कि शराब माफिया के कारण ही बार-बार यह प्रचारित किया जाता है कि शराबबंदी सब जगह असफल रही है और इससे राजस्व का घाटा होता है। यह शराब माफिया और सरकारों का कुतर्क है। गरीब किसान और मजदूर जब एक करोड़ की शराब पीता है तब सरकारों को 10 लाख का राजस्व मिलता है। शराब माफिया राजनीतिक दलों को करोड़ों रुपए देते हैं और बदले में सरकारें शराब माफिया को संरक्षण देती हैं सम्मेलन के दौरान वैदिक कन्या महाविद्यालय की छात्राओं को शपथ दिलाई गई कि वे शराबी और नशाखोर से विवाह नहीं करेंगी।
तथा इसके अलावा मेधा पाटकर ने कहा कि बस्ती का एक भी घर नहीं टूटने देंगे। नशा मुक्त भारत आन्दोलन के नेता डॉ. सुनीलम ने कहा कि यदि बस्ती उजाडऩे की कोशिश की तो उसका मुंहतोड ज़वाब दिया जाएगा। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा एवं कांग्रेस नेता सोमेन्द्र शर्मा भी मौजूद थे। सभा के बाद राजस्थान कच्ची बस्ती महासंघ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम जेडीए सचिव पुरुषोत्तम बियाणी को ज्ञापन सौंपा।