देश-विदेश की जांच एजेंसियों की निगाह से बचने के लिए दाउद ने क्रिकेट सट्टा कारोबार की कमान कराची के लालचंद उर्फ एलसी को सौंप रखी है, वहीं जाली नोटों की तस्करी के मामले में भी पाक के अल्पसंख्यकों को झोंक दिया है। गिरफ्तार रनसिंह ने तस्करी के मामले में कई जानकारियां दी हैं।
तस्करों का राजस्थान से गुजरात तक नेटवर्क पाक निवासी रनसिंह लॉन्ग टाइम वीजा के आधार पर तीन साल से गुजरात के मोरबी इलाके में रह रहा है। रिश्तेदार की शादी के नाम पर वह पिछले वर्ष दिसंबर में पाक गया था, जहां से ट्रेन से लौटते वक्त वह १६ मार्च को जाली नोटों के साथ जांच एजेंसियों के हत्थे चढ़ गया। इस मामले में एनआइए मामला दर्ज कर तस्कर से पूछताछ करने में जुटी हुई है।
तस्कर रनसिंह से बरामद दो-दो हजार के नोट तीन अलग-अलग नंबरों की सीरीज में छापे गए हैं, जिनके कागज की क्वालिटी और स्याही भी आरबीआई की ओर से जारी नोटों से एकदम मिलते हुए हैं।
पूछताछ में रनसिंह ने एनआइए को पाक के मुख्य सूत्रधार का नाम और उसका मोबाइल नंबर भी बताया था, जो अभी स्विच ऑफ आ रहा है। एनआइए का मानना है कि रनसिंह के गिरफ्तार होने की भनक लगने के साथ ही मुख्य सूत्रधार ने मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिया, जिसकी कॉल डिटेल निकलवाई जा रही है।
गिरफ्तार पाक निवासी और जाली नोट तस्कर से एनआइए की टीम यहां एटीएस के मुख्यालय में पूछताछ कर रही है, जिसमें एटीएस भी पूरा सहयोग कर रही है।
डॉ. भूपेंद्र सिंह महानिदेशक (एटीएस-एसओजी)